कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को अपने कैबिनेट का विस्तार किया है। इसमें झाड़ग्राम से विधायक और आदिवासी समुदाय से आने वाली बीरबाहा हासदा को मंत्री बनाया है। ममता बनर्जी की पार्टी में मौजूदा विधायकों में बीरबाहा एक सामान्य महिला हैं। विधानसभा के प्रश्नोत्तर सत्र में भी वह बहुत हिस्सा नहीं लेतीं और ना ही सवाल जवाब करती हैं।
इसे लेकर कई तरह के राजनीतिक अटकले लगाई जाने लगी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं करने की वजह से आदिवासी समुदाय के बीच होने वाले संभावित नुकसान को कम करने के लिए ममता ने बीरबाहा को मंत्री बनाया है। दरअसल द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं करने की वजह से भारतीय जनता पार्टी के विधायक लगातार ममता बनर्जी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं।। राष्ट्रपति चुनाव के समय नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी लगातार ममता बनर्जी के आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं। चुनाव वाले दिन राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों जंगलमहल, बांकुड़ा और मेदिनीपुर के कुछ इलाकों में ममता को आदिवासी विरोधी होने का दावा करते हुए पोस्टर भी लगाए गए। भारतीय जनता पार्टी के धुर विरोधी रहे मायावती, हेमंत सोरेन और नवीन पटनायक ने भी मुर्मू के समर्थन की घोषणा कर दी। यहां तक की शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने भी मुर्मू के समर्थन की घोषणा की लेकिन पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर आदिवासी समुदाय की मौजूदगी के बावजूद ममता ने मुर्मु का समर्थन नहीं किया। यहां तक कि मुर्मू ने खुद फोन कर ममता बनर्जी से महिला होने के नाते समर्थन की मांग की थी लेकिन फिर भी नहीं मानीं और उनके पार्टी के सांसदों विधायकों ने यशवंत सिन्हा का समर्थन किया। माना जा रहा था कि इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को आदिवासी बहुल क्षेत्रों में और अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। खास बात यह है कि इस बार यदि 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस को हर जगह हार का सामना करना पड़ा था। अब जबकि द्रौपदी मुर्मू का प्रकरण सामने है तो इससे नुकसान बढ़ने की संभावना पहले से ही है। उसी को कम करने के लिए बीरबाहा को मंत्री बनाया है। हासदा ने कहा है कि जैसा निर्देश मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी देंगे, उसी तरह से लोगों के घर-घर जाकर काम करूंगी।