कोलकाता । पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के सरकारी अस्पतालों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही। राज्य की मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ममता बनर्जी द्वारा बार-बार मरीजों को बिना वजह रेफर किए जाने को लेकर चेतावनी देने के बावजूद कोलकाता के राजकीय अस्पताल के डॉक्टर अपनी इस हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं। सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात एक मरीज को कोलकाता में तीन सरकारी अस्पतालों से लगातार रेफर किया गया। दक्षिण 24 परगना के गोसाबा के रहने वाले 78 साल के रघुनंदन मंडल को हार्ड अटैक आया था। सोमवार शाम उन्हें कैनिंग महकमा अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां आईसीयू नहीं होने की वजह से रात के समय चितरंजन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया। रात 12 बजे के करीब परिजन उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन डॉक्टरों ने भर्ती लेने से साफ मना कर दिया। वहां से परिवार के सदस्य एनआरएस अस्पताल ले गए लेकिन वहां भी जगह खाली नहीं होने की बात कहकर भर्ती लेने से इनकार कर दिया गया। रात 3:00 बजे परिवार के सदस्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। यहां भी बेड नहीं मिलने की वजह से मंगलवार सुबह 11:30 बजे खबर लिखे जाने के समय भी रोगी के परिजन अस्पताल के एक विभाग से दूसरे विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। मरीज को इमरजेंसी में बैठाकर रखा गया है। इन अस्पतालों से इस बारे में संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कहीं से भी इस पर जवाब नहीं मिला है। परिवार के सदस्यों ने मंगलवार को बताया है कि बाकी दो अस्पतालों से रेफर होने के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने भी हमें भर्ती लेने से इनकार कर दिया। हालांकि बाद में रोगी को इमरजेंसी में बैठा दिया गया लेकिन कोई इलाज नहीं मिला है।