विधानसभा में ममता ने की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं, चार नवनिर्वाचित विधायकों को दिलाई गई शपथ

कोलकाता::पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को चारों नवनिर्वाचित विधायकों को विधायक पद की शपथ दिला दी गई है। उत्तर 24 परगना के खड़दह से जीते शोभन देव चट्टोपाध्याय, कूचबिहार के दिनहाटा से उदयन गुहा, नदिया जिले के शांतिपुर से ब्रजकिशोर गोस्वामी और दक्षिण 24 परगना के गोसाबा से विजयी सुब्रत मंडल को विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है। इस दौरान सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकतर विधायक, मंत्री और खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सदन में उपस्थित थीं। विधायकों को शपथ दिलाई जाने के बाद मुख्यमंत्री ने भाजपा पर तीखा प्रहार किया। चुकी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण में भाजपा विधायक शामिल नहीं होंगे क्योंकि उन्हें विधानसभा की रीति के मुताबिक आमंत्रित नहीं किया गया है। इसी को लेकर ममता ने कहा कि भाजपा विधायक विधानसभा को विधानसभा नहीं समझते। जब मर्जी आते हैं और जब मर्जी करता है नहीं आते हैं। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले साल 20 अप्रैल को राज्य सरकार द्वारा हर साल आयोजित होने वाला विश्व बांग्ला औद्योगिक सम्मेलन होगा।
साथ ही उन्होंने घोषणा की कि बीरभूम जिले के देवचा-पचामी में एशिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला खदान में खनन का काम किसानों की मर्जी से ही शुरू होगा। राज्य सरकार किसी से भी जबरदस्ती जमीन नहीं लेगी।
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि लोगों के घर-घर राशन पहुंचाने की महत्वाकांक्षी दुआरे राशन योजना की शुरुआत आगामी 16 नवंबर से हो जाएगी। साथ ही एक बार फिर दुआरे सरकार योजना शुरू किया जाएगा जिसके तहत सरकारी योजनाओं को घर-घर पहुंचाने का काम होगा।
नवनिर्वाचित विधायकों को मुख्यमंत्री ने लोगों के लिए काम करने की नसीहत भी दी।
राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री मलय घटक ने विधानसभा में बताया कि अगले साल मार्च-अप्रैल तक टाला ब्रिज को दोबारा लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।
सत्र की कार्यवाही के साथ ही राज्य में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए विधानसभा में बैठक भी हुई जिसमें नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी शामिल नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार ने उन्हें महज चंद घंटों पहले बैठक के बारे में जानकारी दी जबकि कायदे से एक सप्ताह पहले जानकारी दी जानी चाहिए ताकि आयुक्त के तौर पर आवेदन करने वालों के बारे में सारी जानकारी हासिल की जा सके।
सदन की कार्यवाही के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें हाल ही में दिवंगत मंत्री सुब्रत मुखर्जी की जगह हावड़ा के उलूबेरिया दक्षिण के विधायक पुलक रॉय को पंचायत विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा बीमार चल रहे उपभोक्ता मामलों के मंत्री साधन पांडे की जगह मेदिनीपुर के सबंग से विधायक मानस रंजन भुइयां को इस विभाग की अतिरिक्त जिम्मेवारी सौंप दी गई है।
इसके अलावा छह नवंबर को कार्यकाल पूरा कर चुके वित्त मंत्री अमित मित्रा का मंत्रालय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पास रखा है और मित्रा को विभाग का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया है। खास बात यह है कि उन्हें भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा और उन्हें इस बात का विशेषाधिकार भी मिलेगा कि वह वित्त विभाग के लिए राज्य सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर किसी भी कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे। यानी मंत्री नहीं होते हुए भी वह अनाधिकारिक तौर पर वित्त विभाग के मंत्री को मिलने वाली सारी सुविधाएं और प्रतिनिधित्व कर सकेंगे। एजेंसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?