कोलकाता,पश्चिम बंगाल के पूर्व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी शुक्रवार शाम पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। कोलकाता के केवड़ातला शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया है। उनके निधन से आहत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह सुब्रत मुखर्जी का पार्थिव शरीर नहीं देख सकेंगी इसीलिए अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुईं। उनके भतीजे और सत्तारूढ़ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सांसद अभिषेक बनर्जी श्मशान घाट पर पहुंचे हुए थे। 76 वर्षीय सुब्रत मुखर्जी को गन सैल्यूट के साथ राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी गई है।
गुरुवार रात 9:22 बजे उन्होंने कोलकाता के राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। उनके निधन की खबर मिलने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अस्पताल पहुंची थीं और कहा था कि सुब्रत मुखर्जी जैसा दूसरा कोई राजनेता नहीं हो सकता। वह उनके लिए बड़े भाई के समान थे। कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर तथा 50 सालों तक लगातार विधायक रहे सुब्रत मुखर्जी के पार्थिव शरीर को पीस वर्ल्ड में रखा गया था जहां से शुक्रवार सुबह 10:00 बजे निकालकर राज्य सरकार के अधीनस्थ रवींद्र सदन में रखा गया था। यहां मंत्री फिरहाद हकीम, पार्थ चटर्जी, अरूप विश्वास समेत कांग्रेस के अब्दुल मन्नान और प्रदीप भट्टाचार्य, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और राहुल सिन्हा, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री तथा भाजपा के सांसद निशिथ प्रमाणिक, माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा और सूजन चक्रवर्ती ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।
दोपहर 2:00 बजे के बाद उनके पार्थिव शरीर को विधानसभा परिसर में ले जाया गया जहां राज्यपाल जगदीप धनखड़ और विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने अंतिम श्रद्धांजलि दी। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को एकडलिया स्थित उनके आवास पर ले जाया गया जहां एकडलिया एवरग्रीन क्लब और दक्षिण कोलकाता तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और बड़ी संख्या में प्रशंसकों ने वयोवृद्ध नेता को अंतिम श्रद्धांजलि दी। उसके बाद हजारों लोगों ने सुब्रत मुखर्जी की अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया। शन को जब केवड़ातला शमशान घाट पर ले जाया गया तो वहां सैकड़ों की संख्या में लोग पहले से उपस्थित थे जो बेहद गमगीन थे।
राजनीतिक सीमाओं से परे दिग्गजों ने किया सुब्रत को याद
– बालीगंज से विधायक रहे सुब्रत मुखर्जी को अंतिम श्रद्धांजलि देने में राजनीति की सारी सीमाएं टूट गई थी और सभी पार्टियों के नेताओं ने एकजुट होकर उनके निधन पर सोशल मीडिया के जरिए भी गहरा दुख व्यक्त किया है। इसमें मूल रूप से नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, बैरकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह, वाममोर्चा चेयरमैन विमान बसु, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी व अन्य शामिल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि गत 24 अक्टूबर को सांस लेने में तकलीफ के बाद सुब्रत मुखर्जी को कोलकाता के राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान वह ठीक हो रहे थे और शुक्रवार को ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जानी थी। लेकिन इसके पहले गुरुवार रात उन्हें गहरा हार्ड अटैक आया जिसकी वजह से निधन हो गया। राज्य सरकार ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए शुक्रवार को सारा दिन सरकारी दफ्तरों में तिरंगे को आधा झुका कर रखा था।