व्यक्ति की कार्यशैली, ईमानदारी और व्यवहार से समाज में सम्मान, प्रतिष्ठा ! — स्वामी चैतन्य जी महाराज

कोलकाता । करपात्री जी फाउंडेशन के स्वामी त्र्यंबकेश्वर चैतन्य जी महाराज ने गोविन्द भवन, कोलकाता में धार्मिक सत्संग में श्रद्धालु भक्तों को गोवंश के संरक्षण, गौसंवर्धन की प्रेरणा दी । स्वामी चैतन्य महाराज ने श्रद्धालु भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए कहा व्यक्ति का कर्म उसके भविष्य को निर्धारित करता है । व्यक्ति की कार्यशैली, ईमानदारी और व्यवहार से समाज में सम्मान, प्रतिष्ठा मिलती है । भारत में बढ़ती जनसंख्या और अकर्मण्यता भारत के विकास में बाधक है । अकर्मण्यता व्यक्ति को सफलता से दूर ले जाती है । स्वामी चैतन्य महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा भारत के विकास के लिये आध्यात्मिक विकास एवम् आर्थिक सुरक्षा की नीति आवश्यक है । सांसारिक सुविधाओं से भौतिक सुख मिलता है लेकिन परम सुख, आत्मीय सुख के लिये अध्यात्म, सत्संग जरूरी है । स्वामी चैतन्य जी महाराज ने कहा देश के शासक, सरकार का कर्तव्य नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, शुद्ध पेयजल, आवागमन के लिये उत्तम मार्ग, बिजली, नागरिक सुरक्षा, न्यायिक व्यवस्था एवम् समुचित सुविधा उपलब्ध कराना है । सरकार अपने कर्तव्य का पालन करे तो भारत का विकास होगा, समृद्धि मनुष्य अपने पुरुषार्थ से अर्जित कर लेगा । माथुर वैश्य समाज के समाजसेवी राजेन्द्र गुप्ता (कपूरवाले), ब्रह्मचारी प्रणवानंद चैतन्य महाराज, आचार्य सागर महाराज, आचार्य आदर्श महाराज, शास्त्री विश्वजीत शर्मा एवम् श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे ।

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