कोलकाता, 7 नवम्बर । कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता में शुक्रवार को “वंदे मातरम्” की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर वर्षव्यापी उत्सव की शुरुआत हुई। इस अवसर पर संस्थान के अधिकारियों और कर्मचारियों ने एकत्र होकर अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ सामूहिक रूप से “वंदे मातरम्” का गायन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अटारी, कोलकाता के निदेशक डॉ. प्रदीप डे ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य 1875 में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित इस अमर गीत की शाश्वत विरासत को सम्मान देना है। उन्होंने कहा कि “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा, सांस्कृतिक एकता और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा का प्रतीक है।
डॉ. डे ने आगे कहा कि इस वर्षभर चलने वाले उत्सव के माध्यम से युवाओं में देशभक्ति, त्याग, धैर्य और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना को सशक्त करने का प्रयास किया जाएगा।
संस्थान के समस्त अधिकारी और कर्मचारी इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक शामिल हुए, जिससे राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण और सामूहिक देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहन देने के प्रति संस्थान की दृढ़ प्रतिबद्धता झलकती है।
