कोलकाता, 23 सितंबर । दुर्गापूजा से पहले हुई कुछ घंटों की मूसलाधार बारिश ने कोलकाता को पानी-पानी कर दिया। सड़कों से लेकर घरों तक जलजमाव से जनजीवन ठप हो गया। बारिश के बीच खुले तारों से करंट लगने की घटनाओं में पांच लोगों की मौत भी हो गई। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहर प्रशासन की लापरवाही मानने के बजाय दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) को जिम्मेदार ठहराया।
मंगलवार शाम मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि डीवीसी की ओर से एकतरफा पानी छोड़े जाने से राज्य के कई इलाके पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति झेल रहे थे। इसके अलावा फरक्का बैराज से भी भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया। ममता का दावा है कि नदी-नालों में ड्रेजिंग की कमी और अचानक हुई तेज बारिश ने हालात को और गंभीर बना दिया।
स्थिति को देखते हुए ममता ने मंगलवार से सभी सरकारी स्कूल बंद करने की घोषणा की। कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी अगले दो दिन तक छुट्टियां रहेंगी। निजी दफ्तरों को वर्क फ्रॉम होम अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी दफ्तरों में भी यही व्यवस्था लागू होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि “लोगों की जिंदगी बचाना उनकी प्राथमिकता है।”
करंट की चपेट में आकर हुई मौतों पर ममता ने गहरा दुख जताया। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर परिवार से एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी और सीईएससी को क्षतिपूर्ति देने का निर्देश दिया गया है।
आपात हालात से निपटने के लिए नवान्न में 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित नंबर 91-33-22143526, 91-33-22535185 और टोल-फ्री नंबर 91-8697981070 भी साझा किए।
ममता बनर्जी ने कहा कि आज वह कोलकाता के किसी भी पंडाल में उद्घाटन के लिए नहीं जाएंगी। हालांकि, जिलों के पंडालों का उद्घाटन वह वर्चुअली करेंगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि आने वाले कुछ दिन बेहद सतर्क रहें।