कोलकाता (मधुसूदन शर्मा): इस वर्ष मछुआ बाजार सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति 2025 ने अपने भव्य पंडाल थीम “उड़ान” के माध्यम से समाज को एक गहरा संदेश दिया है।
पूजा समिति के अध्यक्ष तपन राय ने कहा कि इंसान की तरह ही पंछी भी बंदिशों में नहीं, बल्कि खुले आकाश में उड़कर ही अपनी असली आजादी का अनुभव करते हैं।पंडाल का मुख्य आकर्षण विभिन्न प्रकार के पक्षी हैं जिन्हें स्वाधीनता का प्रतीक मानकर प्रस्तुत किया गया है।
मछुआ बाजार सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष तपन राय कहना है कि “बंद पिंजरे में नहीं रहना है, बल्कि पूरी पृथ्वी को घूमकर देखना है।” इसी विचार को मूर्त रूप दिया गया है। मंडप सज्जा में यह अहसास कराया गया है कि जिंदगी चाहे कितनी भी व्यस्त और जिम्मेदारियों से बंधी क्यों न हो, हमें अपने भीतर की आजादी को नहीं खोना चाहिए।
मछुआ बाजार सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के महासचिव राजेश सिंह ने कहा कि घर–परिवार की जिम्मेदारियों, नौकरी–व्यापार या पढ़ाई–कोचिंग जैसे दायित्वों में उलझकर इंसान छोटे–छोटे आनंद के अवसर खो देता है। जबकि दुर्गा पूजा सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि चार दिनों का वह पर्व है जब सभी लोग मिलकर जिंदगी को खुलकर जी सकते हैं। इस बार का संदेश है कि प्रत्येक व्यक्ति को आजाद परिंदे की तरह जीने की कला अपनानी चाहिए।
थीम “उड़ान” न केवल त्योहार के आनंद की बात करता है बल्कि यह जीवन दर्शन भी प्रस्तुत करता है।
पूजा समिति के कन्वीनर शंकर श्रीवास्तव ने कहा “हमारी कोशिश है कि लोग समझें – निर्जीव पंछियों को पिंजरे में कैद करना उचित नहीं है। आजादी हर जीव का मौलिक अधिकार है।”
इस बार का पंडाल आगंतुकों को यह अनुभव कराता है कि जीवन में खुशियां तलाशने के लिए मन की स्वतंत्रता जरूरी है। दोस्तों और परिजनों के साथ समय बिताना, सपनों को साकार करना और दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही जिंदगी का असली उत्सव है।
दुर्गा पूजा के दिनों में मछुआ बाजार की यह अनूठी प्रस्तुति लोगों को न केवल धार्मिक श्रद्धा का अनुभव कराएगी, बल्कि उन्हें यह भी सिखाएगी कि कठिनाइयों के बीच भी जिंदगी का असली नाम आगे बढ़ते रहना और उड़ान भरना है।