रानीगंज। पश्चिम बंगाल आदिवासी अधिकार मंच रानीगंज जोनल कमेटी की ओर से सोमवार को रानीगंज ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) कार्यालय के समक्ष एक विरोध प्रदर्शन किया गया. इस उपरांत आदिवासी अधिकार मंच के प्रतिनिधियों के एक दल ने ब्लॉक विकास अधिकारी को 11 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। कार्यक्रम का नेतृत्व संगठन के संपादक संजय हेब्रम ने किया। इस मौके पर रेबू मुर्मू,मंगल हेब्रम समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे। दौरान आदिवासी अधिकार मंच ने अपनी मांगों को प्रमुख रूप से रखते हुए कहा कि सभी आदिवासियों को आवास और कृषि भूमि उपलब्ध कराई जाए, प्रत्येक आदिवासी क्षेत्र में जाहेरथान और माझीथान के लिए पट्टा प्रदान किया जाए तथा सरकारी खर्च पर जाहेरथान और माझीथान का निर्माण किया जाए, गैर-आदिवासियों के एसटी प्रमाण पत्र रद्द किए जाने चाहिए, टीडी विभाग का पैसा आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खर्च किया जाना चाहिए,दामोदर नदी के किनारे रहने वाले आदिवासियों को डामालिया, हाड़ाभांगा, नुपुर, नारायणकुड़ी और तिराट के श्मशान घाटों की रक्षा करनी चाहिए,आदिवासी छात्रों को छात्रवृत्ति समय पर प्रदान की जानी चाहिए,बाल शिक्षा केन्द्रों में शिक्षकों की नियुक्ति की व्यवस्था की जाए, सभी आदिवासियों को आवास योजना में शामिल किया जाना चाहिए,कोयला खनन के लिए आदिवासियों को बेदखल नहीं किया जा सकता उन्हें विस्थापन से रोका जाए,आईसीडीएस में भर्ती की व्यवस्था की जानी चाहिए,पी.एच.ई.- पाइप द्वारा पेयजल की आपूर्ति उचित ढंग से की जानी चाहिए।वही इस मौके पर संजय हेब्रम ने कहा कि यदि सरकार इन मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो आने वाले दिनों मे यह आंदोलन और तेज किया जाएगा। इसके साथ उन्होंने आगे आदिवासी समाज से बड़ी संख्या में इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की।