कोलकाता । भागवताचार्य प्रभाकर कृष्ण महाराज ने गुरु पूर्णिमा के महत्व पर कहा सम्पूर्ण विश्व में धार्मिक निष्ठा, संस्कार की प्रेरणा देने वाले गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने की परम्परा है । भारत के सनातन वैदिक धर्म, संस्कृति में मातृ देवो भव:, पितृ देवो भव:, आचार्य देवो भव: प्राचीन परम्परा है । गुरुकुल के छात्र अपने गुरु से मिलने जाते हैं और उनके द्वारा प्रदत्त शिक्षा और संस्कार के लिये उनका सम्मान कर आभार व्यक्त करते हैं, । हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन … विविधता में एकता भारतीय संस्कृति है, हम सभी को इसके संरक्षण का प्रयास करना चाहिये । वृन्दावन – मथुरा से पधारे भागवताचार्य प्रभाकर कृष्ण महाराज भारत में भ्रमण कर वैदिक सनातन धर्म एवम् राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के प्रति श्रद्धालु भक्तों को जागरूक कर रहे हैं । प्रभाकर कृष्ण महाराज का स्वागत डॉक्टर ए के सिंह, डॉ. राहुल सिंह, समाजसेवी विनय सुल्तानिया, विमल सिंह शेखावत, सज्जन वर्मा, आकाश सोनी ने किया । सत्संग भवन के ट्रस्टी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, दीपक मिश्रा ने श्रद्धालु भक्तों से 10 जुलाई को सत्संग भवन में गुरु पूर्णिमा उत्सव में उपस्थित रह कर अक्षय पुण्य अर्जित करने का निवेदन किया ।