माता प्रथम एवम् पिता द्वितीय गुरु हैं – प्रभाकर कृष्ण महाराज

कोलकाता । सत्संग भवन में वृन्दावन – मथुरा से पधारे भागवताचार्य प्रभाकर कृष्ण महाराज ने अपने आशीर्वचन में श्रद्धालु भक्तों को जीवन में मर्यादित आचरण, सत्संग की प्रेरणा दी । उन्होंने कहा माता प्रथम एवम् पिता द्वितीय गुरु हैं । संसार भवसागर है । भवसागर को पार करने के लिये गुरु नौका है । मोक्ष प्राप्ति के लिये आत्मा और परमात्मा के मध्य में गुरु का सानिध्य जरूरी है । सत्संग में गुरु के बताए मार्ग का जीवन में अनुसरण करना चाहिये । सत्संग भवन के ट्रस्टी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, दीपक मिश्रा ने श्रद्धालु भक्तों से 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा में उपस्थित रह कर अक्षय पुण्य अर्जित करने का निवेदन किया ।

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