रानीगंज : डीएवी पब्लिक स्कूल में तीन दिवसीय सामाजिक विज्ञान (क्लस्टर-1) क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में दो स्तर थे– प्राथमिक एवं मध्य स्तर। कार्यशाला में 5 प्रशिक्षक और 50 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के मुख्य विषय थे- SDGs कार्यकलाप, रुब्रिक, स्प्रे डायग्राम और मिनिमम लर्निंग लेवल आदि। मास्टर ट्रेनर्स ने इन सभी विषयों का बहुत बारीकी एवं कुशलता पूर्वक वर्णन किया। प्रथम दिन के सत्र मे रुब्रिक की चर्चा की गई, बताया गया कि रुब्रिक एक मूल्यांकन उपकरण है जो छात्रों के प्रदर्शन को विभिन्न स्तरों (जैसे-उत्कृष्ट, संतोषजनक, सुधार की आवश्यकता) में बाँटकर मूल्यांकन करता है। यह पारदर्शिता और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन में सहायक होता है। दूसरे दिन स्प्रे डायग्राम के माध्यम से किसी विषय से जुड़ी अवधारणाओं को दृश्य रूप में कैसे दर्शाया जाता है, यह सिखाया गया। यह विद्यार्थियों की सोचने की क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। अंत में, मिनिमम लर्निंग लेवल की अवधारणा बताई गई। प्राथमिक स्तर पर बच्चों की बुनियादी को तय करता है। यह खासकर कमजोर छात्रों के लिए आवश्यक है, जिससे वह आगे की कक्षा में सुचारू रूप से जा सके। इन सभी दक्षताओं, सतत विकास लक्ष्य, अंतर विषयक शिक्षण, कला समेकित शिक्षा का प्रयोग कक्षा में करवाया जाए। कार्यशाला में इन सारी बातों को अच्छी तरह बताया गया। भाग ले रहे शिक्षक एवं शिक्षिकागण इन विषयों में काफी रुचि दिखाई और कुछ क्रियाकलाप जो कार्यशाला में दिए गए थे, उन्हें भी बखूबी संपन्न किया। विद्यालय की तरफ से सारी व्यवस्थाएँ बहुत अच्छी थी। सभी प्रतिभागी शिक्षकों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। प्राचार्या श्रीमती मंदिरा दे के अनुसार—‘इस प्रकार के सफल कार्यशाला का आयोजन क्षेत्रीय अधिकारी डीएवी संस्थान पश्चिम बंगाल क्षेत्र की श्रीमती पापिया मुखर्जी के मार्गदर्शन में आगे भी होता रहेगा। इससे डीएवी विद्यालयों में शिक्षक का स्तर और आधुनिक एवं उच्चतर होगा। शिक्षक नई तकनीक, नवाचार तथा प्रयुक्ति से संपन्न बनते हैं। इस प्रकार त्रिदिवसीय कार्यशाला बहुत अच्छी तरह से संपन्न हुई।