चिकन नेक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सैन्य वर्दी जैसे पोशाकों की बिक्री पर प्रतिबंध

 

दार्जिलिंग, 14 मई । भारत-पाक के बीच तनाव की स्थिति में चिकन नेक की सुरक्षा के मद्देनजर सैन्य वर्दी जैसे पोशाकों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पुलिस प्रशासन किसी भी अन्य व्यक्ति को सेना की वर्दी बनाने या किराये पर देने से रोकने के प्रति सख्त हो गई है।

सूत्रों के अनुसार, अपराधियों को छद्म रूप में हमला करने की साजिश रचने से रोकने के लिए ये कदम उठाया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, सिलीगुड़ी शहर के विभिन्न बाजारों में सैनिकों की वर्दी की शैली में बने पोशाक बेचे जा रहे हैं। आरोप है कि प्रधाननगर, भक्तिनगर, शालूगाड़ा, चंपासारी समेत विभिन्न इलाकों में कुछ दर्जी की दुकानें भी सेना के जवानों की वर्दी के रंग के कपड़े का उपयोग कर पोशाक बना रहे हैं। इसे देखते हुए मंगलवार रात सिलीगुड़ी समेत पूरे दार्जिलिंग जिले में सैन्य वर्दी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। दार्जिलिंग जिले और सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्तालय के अधिकारियों ने पहले ही कपड़ा व्यापारियों, दर्जियों और अन्य व्यापारियों के साथ प्रारंभिक बैठकें कर उन्हें मामले की जानकारी दे दी थी।

दूसरी तरफ, सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट और सेना ने भी मामले पर नजर रखनी शुरू कर दी है।

दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश ने कहा कि इस मामले पर व्यापारियों से चर्चा हो चुकी है। सेना की वर्दी की शैली में बने पोशाक बाजार में नहीं बेचे जा सकते। यह बात दर्जियों को भी सूचना दी गई है।

पुलिस को सेना की वर्दी के अनुरूप पोशाक बनाने वाले दर्जियों के नामों की सूची तैयार करने को कहा गया है। साथ ही पुलिस ने उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों और जिलों में राष्ट्र विरोधी, संवेदनशील, भ्रामक और भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्टों की निगरानी भी बढ़ा दी है। प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि देश की आंतरिक सुरक्षा के हित में ऐसे कदम उठाए गए हैं।

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