मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए हिंदू परिवार के परिजनों को धमकी दे रही बंगाल पुलिस, हाई कोर्ट पहुंचे घर वाले

पुलिस

कोलकाता, 05 मई । मुर्शिदाबाद के जाफराबाद में मारे गए पिता-पुत्र के परिवार ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सोमवार को पीड़ित परिवार के सदस्य भाजपा नेताओं सजल घोष और कौस्तव बागची के साथ हाईकोर्ट पहुंचे और पुलिस के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए।

परिवार का आरोप है कि रविवार रात को विधाननगर पूर्व थाना की करीब 40 पुलिसकर्मियों की टीम ने विधाननगर के सेफ हाउस में धावा बोला और जबरन पीड़ित परिवार के सदस्यों को ले जाने की कोशिश की। पुलिस का दावा है कि इन लोगों का अपहरण किया गया है और उन्हें छुड़ाने की कोशिश की गई। लेकिन परिवार का साफ कहना है कि वे अपनी इच्छा से सुलभ और सुरक्षित स्थान के लिए सिफारिश पर सेफ हाउस में रह रहे हैं।

परिवार ने पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है और विधाननगर पूर्व थाना पुलिस पर अति सक्रियता का आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने मामले की सुनवाई के लिए अनुमति दे दी है और उम्मीद है कि मंगलवार को सुनवाई हो सकती है।

गौरतलब है कि पिछले महीने संशोधित वक्फ कानून को लेकर मुर्शिदाबाद में हिंसक प्रदर्शन हुआ था, जिसमें हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद मामला लगातार चर्चा में है। वहीं, इस बीच यह भी खबर आई थी कि मृतकों की पत्नियों का अपहरण कर लिया गया है। हालांकि बाद में दोनों विधाननगर के सुलभ सेफ हाउस में पाई गईं और अब वहीं रह रही हैं।

पीड़ित परिवार ने हाल ही में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को पत्र लिखकर पुलिस पर अत्याचार और जबरन घर से उठाकर ले जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र में उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और केंद्र सरकार से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की है ताकि उन्हें सुरक्षा मिल सके।

 

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