कोलकाता । पश्चिम बंगाल के प्राइवेट विश्वविद्यालयों के विजिटर राज्यपाल जगदीप धनखड़ नहीं होंगे। उनकी जगह शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को इस पद पर नियुक्त करने संबंधित संशोधित विधेयक को मंगलवार राज्य विधानसभा में पश्चिम बंगाल सरकार ने पारित कराया है। विधानसभा में विधेयक के पेश होने के साथ ही भाजपा विधायकों ने इसके खिलाफ नारेबाजी की और वॉकआउट कर गए जिसकी वजह से इसे पारित कराने के लिए वोटिंग की जरूरत नहीं पड़ी है। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने सदन में इस बिल को पेश किया। “दी वेस्ट बंगाल प्राइवेट यूनिवर्सिटी लॉ अमेंडमेंट बिल 2022” नाम से पेश किए गए इस विधेयक पर जैसे ही बसु ने बोलना शुरू किया, भाजपा विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी और विधानसभा से वाक आउट कर गए। इसके बाद विधानसभा में ध्वनिमत से विधेयक को पारित करा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले सोमवार को इसी तरह से विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन कर राज्यपाल जगदीप धनखड़ की जगह मुख्यमंत्री को सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति नियुक्त करने संबंधी विधेयक को पारित कराया गया था। इस पर भाजपा ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के कुलाधिपति बनने के बाद शिक्षा प्रणाली में प्रत्यक्ष तौर पर राजनीतिक हस्तक्षेप होंगे। अब मंगलवार को प्राइवेट विश्वविद्यालय के विजिटर के तौर पर भी राज्यपाल की जगह शिक्षा मंत्री को नियुक्त करने संबंधी विधेयक को पारित करा दिया गया है।