बंगाल के इतिहास की सबसे अयोग्य मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र विकल्प – दिलीप घोष

 

कोलकाता, 20 अप्रैल । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्हें राज्य के इतिहास की “सबसे अयोग्य मुख्यमंत्री” करार दिया। घोष ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना ही एकमात्र रास्ता बचा है।

दिलीप घोष ने बीजेपी नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती की उस मांग का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन और चुनाव के दौरान दो महीने के लिए सेना की तैनाती की बात कही थी। घोष ने कहा कि वर्तमान कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि जनता की सुरक्षा और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सैन्य बलों की तैनाती आवश्यक हो गई है।

उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी बंगाल संभालने में असमर्थ हैं। अगर राष्ट्रपति शासन नहीं लागू हुआ, तो लोगों की जान-माल की सुरक्षा नहीं रह पाएगी। वह गुंडों और हथियारों के बल पर चुनाव जीतने की तैयारी कर रही हैं, जो राज्य के लिए बेहद खतरनाक है।”

घोष ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह हमेशा दूसरों पर दोष मढ़ती हैं और खुद कोई जिम्मेदारी नहीं लेतीं। उन्होंने कहा, “वो कोई काम नहीं करतीं, संकट नहीं संभाल पातीं और हमेशा दूसरों को दोष देती हैं। अब जनता को भी समझ आ गया है कि वह सच बोलने लायक भी नहीं रहीं।”

बीजेपी नेता ने यह भी दावा किया कि हालिया हिंसा और अव्यवस्था के दौरान बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डालकर पीड़ितों की मदद कर रहे हैं, जबकि प्रशासन पूरी तरह नदारद है। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ता बेघर हुए लोगों की मदद में जुटे हैं, लेकिन पत्रकारों को घटनास्थलों पर जाने से रोका जा रहा है। असामाजिक तत्व खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही। राज्य सरकार के आदेश पर ही पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है।”

दिलीप घोष ने अंत में कहा कि अब बंगाल की जनता को ममता बनर्जी पर भरोसा नहीं रह गया है। उन्होंने कहा, “बीएसएफ की तैनाती की मांग तेज होती जा रही है। ममता बनर्जी पर अब कोई विश्वास नहीं करता।”

 

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