बंकिम घोष ने तृणमूल में शामिल होने की अटकलों को खारिज किया

 

कोलकाता, 21 मार्च । नदिया जिले के चकदह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक बंकिम घोष ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया है। हाल ही में, विधानसभा में बजट चर्चा के बहिष्कार पर उनके बयान से विवाद उत्पन्न हुआ था, जिससे उनके पार्टी बदलने की संभावनाओं पर चर्चा शुरू हो गई थी। हालांकि, घोष ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि तृणमूल में शामिल होने का उनका कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि तृणमूल ने चार बार मेरे घर पर हमला किया है। दिनदहाड़े सड़क पर मुझे पीटा गया और अत्याचार किया गया। ऐसी घटनाओं के बाद, मेरे जैसे पीड़ित व्यक्ति के लिए उस पार्टी में शामिल होना संभव नहीं है।

गुरुवार रात को, घोष ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से फोन पर लंबी बातचीत की।
भाजपा के सूत्रों के अनुसार, घोष ने अधिकारी को बताया कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और उन्होंने पार्टी विरोधी कोई टिप्पणी नहीं की है। इस पर अधिकारी ने उन्हें चिंता न करने की सलाह दी।

शुक्रवार को, घोष ने अपने पिछले बयान की व्याख्या करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में, विपक्ष के नेता सहित भाजपा विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बार-बार निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि जब भी वे बोलने की कोशिश करते हैं, उनके बयान कार्यवाही से हटा दिए जाते हैं, और सरकार के खिलाफ बोलने पर तृणमूल विधायक उन पर हमला करते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भाजपा विधायकों को पीटा गया है और फिर भी उन्हें ही निलंबित किया गया है। घोष ने कहा कि वे स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित बजट चर्चाओं में भाग नहीं ले सके, और वे यही बात उजागर करना चाहते थे।

गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान, भाजपा विधायकों ने हंगामा किया और विरोध प्रदर्शन किया। आरोप था कि स्पीकर बिमान बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र बारुईपुर पश्चिम में बुधवार को एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान भाजपा विधायकों पर हमला हुआ था, जिसमें विपक्ष के नेता की गाड़ी पर भी हमला हुआ था। इसके विरोध में, भाजपा विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट किया। इस विरोध में शामिल होने के बावजूद, घोष ने बजट सत्र के बहिष्कार के फैसले पर अपनी असहमति व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि बजट सत्र में स्वास्थ्य विभाग या शिक्षा पर जो चर्चा हुई, उसमें हम शामिल नहीं हो सके। हम बहिष्कार करके बाहर आ गए। मैं कहूंगा, यह हमारी गलती थी।

घोष के इस बयान पर भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पार्टी की रणनीति थी और सभी को इसका पालन करना चाहिए था। वहीं, विधानसभा के अंतिम चरण में, स्पीकर ने घोष के बयान की प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि भविष्य में विपक्ष सभी चर्चाओं में भाग लेगा।

 

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