नई दिल्ली/आसनसोल: बढ़ते तनाव व इस भाग दौड़ की जिंदगी में हर इंसान के अधिकार की रक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी है। मानव के सरकार द्वारा प्रदत्त अधिकार का किसी भी तरह से हनन न हो इसकी देखभाल को लेकर इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल काम करता है। ये बातें इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल के चेयरमैन (इंटरनेशनल बोर्ड) संजय सिन्हा ने कही। दिल्ली स्थित कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए संजय सिन्हा ने कहा कि मानव अधिकार के उल्लंघन से जुड़े मामलों की जांच मानव अधिकार संगठन करता है । इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल, मानव अधिकार के उल्लंघन व उससे जुड़े सभी न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है। संजय सिन्हा ने कहा कि यह संगठन जेलों का दौरा करके बंदियों की स्थिति का निरीक्षण करता है।संविधान या किसी अन्य कानून द्वारा मानव अधिकार के संरक्षण के लिए किए गये कार्यों की समीक्षा करता है।साथ ही मानव अधिकार के क्षेत्र में अनुसंधान करता है।इतना ही नहीं, सरकार को समय-समय पर मानव अधिकारों के रक्षा और उसके उल्लंघन को रोकने के लिए सिफारिश भी करता है।चेयरमैन संजय सिन्हा ने बताया कि मानव अधिकार हर व्यक्ति के अंतर्निहित मूल्यों को मान्यता देती है। ये गरिमा, समानता व आपसी सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित है।संजय सिन्हा एक मीडिया पर्सनैलिटी भी हैं।उन्होंने आगे कहा कि,आम आदमी मूल जरूरतों के लिए न्याय प्रक्रिया को नहीं जानता,जिसके अभाव में उसके मानव अधिकारों का हनन होता है। भारत में गरीबी, महंगाई और आर्थिक असमानता हद से ज्यादा है। जिस कारण भेदभाव भी चरम सीमा पर है।