सारदा घोटाले के आरोपित सुदीप्त सेन के खिलाफ कितने मामले लंबित, हाई कोर्ट ने राज्य से मांगी रिपोर्ट

 

कोलकाता, 27 फरवरी । कोलकाता हाई कोर्ट ने सारदा चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपित सुदीप्त सेन के खिलाफ लंबित मामलों की संख्या जानने के लिए राज्य सरकार से चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। गुरुवार को न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति गौरांग कांत की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया।

यह आदेश उस सुनवाई के दौरान आया, जिसमें कोलकाता के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को लिखे गए सुदीप्त के पत्र पर चर्चा हो रही थी। उल्लेखनीय है कि सुदीप्त सेन को 2013 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में हैं। उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए, जिनमें से कुछ में उन्हें जमानत भी मिल चुकी है।

2020 में, सुदीप्त सेन ने प्रेसिडेंसी जेल से कोलकाता के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को 18 पन्नों का पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने खुलासा किया था कि निवेशकों से जुटाई गई करोड़ों रुपये की राशि किस तरह ‘लूटी’ गई। उन्होंने यह भी बताया था कि विपक्षी दलों के कुछ नेताओं और उनकी अपनी कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने किस तरह पैसे लिए। इस पत्र के आधार पर विधाननगर एमपी-एमएलए कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे।

गुरुवार को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने इस पत्र से जुड़े मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

2024 में, सुदीप्त सेन ने जेल से ही सीधे अदालत में ‘प्रिज़नर्स पिटीशन’ दाखिल की थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया। इस याचिका में उन्होंने उल्लेख किया था कि उनके पास कोई वकील भी नहीं है। इसके बाद हाई कोर्ट ने जेल प्रशासन को उनके लिए वकील नियुक्त करने का आदेश दिया था।

अब हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह सुदीप्त सेन के खिलाफ लंबित मामलों की सही संख्या बताने के लिए चार हफ्ते में रिपोर्ट पेश करे।

 

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