नए आयकर विधेयक पर चर्चा, विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

अधिवक्ता नारायण जैन

कोलकाता, 20 फरवरी । नए आयकर विधेयक, 2025 को लेकर आयोजित एक संवादात्मक सत्र में विशेषज्ञों ने विभिन्न प्रावधानों की समीक्षा की जरूरत पर जोर दिया। अधिवक्ता नारायण जैन ने कहा कि यह विधेयक आयकर अधिनियम का सरलीकृत संस्करण है, लेकिन कुछ कड़े प्रावधानों में संशोधन आवश्यक है। उन्होंने विशेष रूप से रिफंड के दावे को लेकर नियत तिथि के भीतर आईटी रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता को कठोर बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि कर (टैक्स) वर्ष समाप्त होने के नौ महीने के भीतर विलंबित रिटर्न दाखिल करने पर भी रिफंड का दावा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि सर्वेक्षण के दौरान शपथ पर बयान दर्ज करने का प्रावधान अनुचित है और सर्वोच्च न्यायालय के सीआईटी बनाम कादर खान मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ है। इस सत्र में सीए दिलीप लोयलका ने पूंजीगत लाभ से संबंधित नियमों पर चर्चा की और अल्पकालिक पूंजीगत लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजीगत हानि के समायोजन के प्रावधान की सराहना की।

डीबीएस बैंक की उपाध्यक्ष शिल्पी मल्लिक ने बताया कि बैंक कोलकाता में अपने नेटवर्क के माध्यम से उच्च संपत्ति वाले ग्राहकों को विशेष बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि डीबीएस बैंक अपने ग्राहकों की वित्तीय जरूरतों को समझते हुए उनके व्यवसाय, निवेश और बैंकिंग आवश्यकताओं में सहायता करता है। उन्होंने यह भी बताया कि डीबीएस वैंटेज कार्ड धारकों को एयरपोर्ट लाउंज और ताज बंगाल, आईटीसी होटल और जेडब्ल्यू मैरियट जैसी प्रतिष्ठित होटलों की सदस्यता का लाभ दिया जाता है।

इस कार्यक्रम का आयोजन कंसर्न फॉर कलकत्ता और कलकत्ता सिटीजन इनिशिएटिव ने डीबीएस बैंक के सहयोग से किया था। अटॉर्नी ओपी झुनझुनवाला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया, जबकि सीए केएन गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस सत्र को सफल बनाने में फिलिप विलियम्स, सीए बीजी रॉय, समीर दत्त, पवन पहाड़िया, केएस अधिकारी, रमाकांत सुरेलिया, लेखा शर्मा, सतीश कपूर, गोपेश्वर अग्रवाल, एल.एन. पुरोहित, नवरतन पींचा, राकेश नाहर और सुभद्रा घोष ने सक्रिय भूमिका निभाई।

 

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