
कोलकाता । राधारमण – राधारमण, भज मन श्रीराधे …भक्तिमय वातावरण में परम श्रद्धेय भाईश्री रमेश भाई ओझा ने श्री विशुद्धानंद हॉस्पिटल द्वारा बड़ा पार्क, काकुड़गाछी में श्रीमद् भागवत कथा में कहा श्रीकृष्ण का स्वरूप सच्चिदानंद है, जो सत्य, ज्ञान और आनंद का प्रतीक है । सच्चिदानंद चेतना और आनंद की परम वास्तविकता को दर्शाता है
इसका अर्थ है सत्य, परम सत्ता, जो स्थायी और अपरिवर्तनीय है । सच्चिदानंद अवस्था में व्यक्ति चेतना के परम सत्य को समझ लेता है और शुद्ध आनंद की अवस्था को प्राप्त करता है । भाईश्री ने श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने के महत्व पर कहा शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई । कथा के प्रभाव से राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई । भव रोग की चिकित्सा है श्रीमद्भागवत कथा । श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से श्रद्धालु भक्त को सच्चिदानंद का अनुभव होता है । धर्मानुरागी, समाजसेवी अशोक – अम्बिका बाजोरिया परिवार, बनवारीलाल सोती, नरेन्द्र, सुरेन्द्र अग्रवाल, पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, गोपाल दम्मानी, सुभाष मुरारका, महेश भुवालका, बल्लभ शंकर दवे, गिरधारीलाल मस्करा, हेमचन्द अग्रवाल, सुरेश बेरीवाल, दीपक बंका, मनोज पराशर, पवन फतेहपुरिया, आलोक जयसवाल एवम् पोथी यजमानों ने सपरिवार व्यास पीठ का पूजन किया तथा सामूहिक आरती में शामिल हुए ।
