कोलकाता । कदमतला निवासी 10 साल की श्रीतामा के निधन के बाद परिवार ने देह दान किया है। वह लंबे समय से ब्रेन स्टेम ग्लियोमा से पीड़ित थी। श्रीतामा को इलाज के लिए दूसरे राज्य ले जाया गया था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। रविवार को हावड़ा के एक निजी अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया।
इसके बाद परिवार ने देहदान का निर्णय लिया है। शव को एसएसकेएम अस्पताल के एनॉटॉमी विभाग को सौंप दिया गया। शरीर से कॉर्निया और अन्य अंगों को निकालकर संरक्षित कर लिया गया है। परिवार ने बताया है कि 10 साल की बच्ची आठ साल से लाइलाज बीमारी से जूझ रही थी।
श्रीतमा के पिता नारायण मंडल ने कहा, ‘कोई भी डॉक्टर मेरी बेटी की बीमारी का इलाज नहीं कर सका। मैंने अपनी बेटी का शरीर दान कर दिया। मेरा मकसद है कि शोध के माध्यम से रोग का निदान करने में मदद मिले।’
हावड़ा के कदमतला की रहने वाली श्रीतामा लंबे समय से ब्रेन स्टेम ग्लियोमा से पीड़ित थीं।