पुरुलिया : छऊ मुखौटे के रूप में सरस्वती मूर्ति अब पुरुलिया शहर के एक स्कूल में है। यहां तक कि छऊ मुखौटों के लिए प्रसिद्ध चरिदा गांव को भी पूजा मंडप में प्रदर्शित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस बार पुरुलिया के म्यूनिसिपल मैनेज्ड हाई स्कूल में पूजा का विषय चरिदा है। मूर्ति पहले ही स्कूल में आ चुकी है, और स्कूल के एक विशाल कमरे को छउ के एक गांव में बदल दिया गया है। सरस्वती की मूर्ति छऊ मुखौटे के आकार जैसी है।
यहां तक कि उनके कपड़े भी एक छउ कलाकार की तरह सजाए गए हैं। इस शिक्षण संस्थान के पूर्व छात्र और प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बिलाल खान ने बताया कि यह पूजा पिछले कई वर्षों से लोगों का ध्यान आकर्षित करती आ रही है। पूजा के साथ-साथ पुनर्मिलन उत्सव भी मनाया जाता है। देश के विभिन्न भागों और विदेशों में रहने वाले पूर्व छात्र भी पूजा के दौरान पुरुलिया आते हैं। इस बार, हमारे स्कूल के एक पूर्व छात्र ने यह मूर्ति बनाई है। इसके अलावा मंडप को बाघमुंडी के चरिदा गांव के प्रसिद्ध छऊ मुखौटे से भी सजाया जा रहा है।
यह प्रतिमा कलाकार संजू शील द्वारा बनाई गई है। पूर्व छात्र सुशील शील मंडप में चरिदा गावँ को मुखौटा के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। पूरे स्कूल को सजाया गया है और दो दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा शिक्षकों द्वारा निर्देशित नाटक आयोजित किए जाएंगे।