कोलकाता : अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के 90वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन स्थानीय जी डी बिरला सभागार में हुआ। इस अवसर पर उद्घाटनकर्ता एवं मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा विश्व के कोने-कोने में बसे मारवाड़ी समाज बंधु अपनी योग्यता क्षमता एवं ऊर्जा के बलबूते पर अपनी उपस्थिति एवं अस्तित्व दर्ज कराया है। साथ ही साथ राजस्थान की माटी की सौंधि महक से संपूर्ण विश्व को महकाया है। मारवाड़ी समाज का धैर्य, आत्मविश्वास, आगे बढ़ने की इच्छा एवं परोपकार की भावना वास्तविक में वंदनीय है। राजस्थान में कहावत है कि आलू टमाटर और मारवाड़ी सब एक से हैं; यह विश्व में हर जगह पाए जाते हैं। उन्होंने कहा समाज में युवा पीढ़ी के लिए संस्कार एवं संस्कृति अति आवश्यक है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने कहा कि जिस प्रकार मारवाड़ी समाज के डीएनए में व्यापार एवं समाज सेवा,उसी प्रकार सम्मेलन के डीएनए में समाज सुधार है। सम्मेलन का पांच सूत्री कार्यक्रम है जिसमें प्रमुख है संस्कार संस्कृति चेतना एवं समाज सुधार एवं आपनो समाज-एक समाज-श्रेष्ठसमाज । समाज के सभी घटकों को अपने सभी रकम की दूरियां पाटकर एकजुट होने की आवश्यकता है और सम्मेलन की स्थापना से ही इस उद्देश्य को लेकर सम्मेलन आगे बढ़ रहा है। आज समाज में नई-नई विसंगतियों एवं कुरीतियों पैदा हो रही है।यह एक चिंताजनक स्थिति है। आज की युवा पीढ़ी में मूल्य बोध का अभाव दिख रहा है। भविष्य के लिए बहुत ही चिंतनीय विषय है। साथ ही साथ समाज में अनेक जगह देखा जाता है कि जागरूकता भी बढ रही है। उन्होंने कहा कि यह मेरा यह दृढ विश्वास है कि सतत प्रयास एवं कर्म में से हम इस बिगड़ी स्थिति को भी सुधार कर पटरी पर लाने के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने मांगलिक समारोह में मद्यपान प्री वेडिंग सूट का प्रदर्शन एवं सड़कों पर महिलाओं का शादी विवाह के अवसर पर नृत्य के विषय में चिंता व्यक्त की । उन्होंने कहा की नई पीढ़ी पश्चात सभ्यता की अंधी नकल करने में लगी है। उन्हें हमारे संस्कार और संस्कृति की विशेषता को तार्किक तरीके से समझा करके उन्हें फिर से इस ओर लाना होगा जब तक हमारी मातृभाषा को हम अपने परिवार में नहीं स्थापित करेंगे तब तक हमारे संस्कार संस्कृति बच नहीं सकती। उन्होंने सभी समाज बंधुओ को आवाहन किया कि सम्मेलन से जुड़े, सम्मेलन की कार्यक्रमों से जुड़े एवं समाज को नई दिशा देने में अपना योगदान दें। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री प्रहलाद राय अग्रवाल ने सम्मेलन के इतिहास को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया एवं कहा कि आज की युवा पीढ़ी हालांकि काफी प्रगतिशील है; साथ ही साथ उन्हें हमारे संस्कारों के विषय में भी जानकारी देना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने घोषणा की की प्रवीण उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री वेणुगोपाल बांगड़ को राजस्थानी व्यक्तित्व पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सीताराम शर्मा ने कहा कि सम्मेलन सदैव से ही समाज सुधार के लिए जाना जाता है। मुझे इस बात की खुशी है कि समाज सुधार का कार्यक्रम अभी भी चलाया जा रहा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में एक राजस्थान भवन स्थापित करने की बात कही।
कार्यक्रम के आरंभ में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश जैन ने स्वागत भाषण दिया एवं धन्यवाद ज्ञापन किया राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता ने। राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया एवं सम्मेलन की वर्तमान सत्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर सम्मेलन की मासिक पत्रिका समाज विकास का विशेषांक विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी के कर कमलो द्वारा संपन्न हुआ।
समारोह मे समाज के गणमान्य व्यक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित थे जिनमें राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री संजय गोयनका, पवन जालान। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद लाल रूँगटा, डॉ हरि प्रसाद कानोडिया, रामअवतार पोद्दार, एवं संतोष सराफ, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री भानीराम सुरेका एवं संजय हरलालका,आत्माराम सोंथालिया,हरिप्रसाद बुधिया, राजेन्द्र खंडेलवाल, अरुण गाड़ोदिया, राजेश सोंथालिया,अरुण प्रकाश मलावत,अनिल मलावत, कुंज बिहारी अग्रवाल,संदीप गर्ग,विश्वनाथ भुवालका,नंद किशोर अग्रवाल,लक्ष्मीपत भुतोडिया, विमल केजरीवाल, शिवरतन फोगला, राजेश ककरानिया,पवन बंसल, सजन बेरीवाल, प्रमोद जैन, अनिल डालमिया,सुषमा अग्रवाल, सतीश लाखोटिया, अनूप अग्रवाल, राजेश सिंघल,रमेश बजाज,सजन शर्मा, पवन जैन, शंकरलाल कारीवाल, बी डी मूंधड़ा, अशोक संचेतीआदि उपस्थित थे ।
कार्यक्रम के अंत में कोलकाता की सांस्कृतिक संस्था मरुधारा द्वारा एक नाटक उळइयाँ ईं सुळझै प्रस्तुत किया गया जोकि राजस्थान रत्न से सम्मानित पद्मश्री विजय नाथ देथा की कहानियों पर आधारित था। नाटक का मंचन मारवाड़ी भाषा में किया गया जिसे सभी श्रोताओ ने सराहा।