
रानीगंज/ भारत सरकार के युवा और खेल मंत्रालय की तरफ से एनएसएस परियोजना के तहत नैशनल इंटीग्रेशन कैंप 2024 का आयोजन किया गया रानीगंज के गर्ल्स कॉलेज में आज से लेकर 22 दिसंबर तक इस कैंप का आयोजन किया जाएगा आज इस कैंप का आधिकारिक उद्घाटन किया गया इस मौके पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे इनके अलावा रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी, कोलकाता से एन एन एस के रीजनल डायरेक्टर विनय कुमार , प्रोग्राम चेयरमैन तुषार कांति बनर्जी ,रानीगंज गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल छवि दे ,बीबी कॉलेज आसनसोल के प्रिंसिपल अमिताभ बसु ,विट्ठल मालिया, मालिया हेरीटेज सोसायटी की सोनिया मालिया ,अनुराधा मालिया सराफ ,एनएसएस के राज्य अध्यक्ष मलय मुखर्जी के अलावा 17 राज्यों के 210 प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस मौके पर भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि जब वह महाराष्ट्र के राज्यपाल बने तब उन्होंने जो भाषण दिया वह मराठी में दिया उन्होंने शपथ भी मराठी में ली थी वह जब भी किसी अन्य प्रांत के व्यक्ति से मिलते हैं वह कोशिश करते हैं कि उनकी भाषा में बात करें इससे एक अलग तरह का अपनापन लगता है उन्होंने कहा कि आज भारत के बच्चे जो अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ते हैं वह विदेशी भाषा पढ़ रहे हैं लेकिन उन्हें संस्कृत का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है उन्होंने कहा कि अगर बंकिम चंद्र चटर्जी को संस्कृत का ज्ञान नहीं होता तो हमें वंदे मातरम जैसी रचना नहीं मिलती इसलिए उन्होंने भारत की धरोहर को आगे बढ़ाने और उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य का जन्म केरल में हुआ लेकिन सिर्फ 32 वर्ष की आयु में ही उन्होंने पूरे भारत के साथ-साथ नेपाल का भी पैदल भ्रमण किया उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि वह कितने महान व्यक्ति थे जिन्होंने भारत का भ्रमण करके इस देश के बारे में जाना और लोगों को भी जानकारी प्रदान की। वही रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी ने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी न सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल हैं वह आज की तारीख में इस देश के शिक्षा जगत के एक बहुत बड़े व्यक्तित्व हैं और यह उनका सौभाग्य है कि आज उनको भगत सिंह कोश्यारी के साथ मंच साझा करने का अवसर प्राप्त हुआ। विधायक ने कहा कि 1969 में नेशनल सर्विस स्कीम या एन एस एस की स्थापना हुई थी इसका मकसद देश को एक सूत्र में बांधना था उन्होंने कहा कि हमारा देश विविधताओं में एकता का देश है उसे एक सूत्र में बांधने के लिए नेशनल सर्विस स्कीम जैसे एक संस्थान की आवश्यकता थी और आज यह संस्था अपने कार्य में पूरी तरह से सफल है उन्होंने कहा कि हमारे देश में इतनी सारी भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन फिर भी एक ऐसी शक्ति है जो हमें एक सूत्र में बांधे रखती है और वह है देश के प्रति हमारी भक्ति।
