जम्मू-कश्मीर के कटरा शहर में सोमवार को स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर वैष्णो देवी के पवित्र मंदिर तक पैदल यात्रा मार्ग पर प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और सुरक्षा बलों के साथ झड़प की।
न्यूज एजेंसी ANI की ओर से शेयर किए गए वीडियो के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया और CRPF की एक गाड़ी में भी तोड़फड़ कर दी।रियासी के SSP परमवीर सिंह ने कहा कि पिछले तीन दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था, लेकिन आज कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया।
न्यूज एजेंसी ANI ने सिंह के हवाले से बताया, “यहां लोग पिछले 3 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हम उसे संभाल रहे थे। आज उनमें से कुछ ने पुलिस टीम पर पथराव किया, हम स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।”
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दुकानदार और मजदूरों की विरोध रैली
दुकानदारों और मजदूरों ने रविवार को अपनी हड़ताल के तीसरे दिन एक विरोध रैली निकाली और उपमंडल मजिस्ट्रेट के दफ्तर और मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए आधार शिविर कटरा में शालीमार पार्क के बाहर धरना दिया। दुकानदारों और टट्टू और पालकी मालिकों की ओर से बुलाई गई तीन दिन की हड़ताल शुक्रवार से शुरू हुई।
दुकानदारों और टट्टू और पालकी मालिकों की संयुक्त समिति के एक सदस्य ने कहा, “72 घंटे की हड़ताल को 24 घंटे और बढ़ा दिया गया है। हम फिर से मिलेंगे और अपनी भविष्य की कार्रवाई की घोषणा करेंगे।”
जबकि कटरा के आधार शिविर में सभी दुकानें और व्यवसाय चालू रहे, बाण गंगा से चरण पादुका तक तीर्थयात्रा मार्ग की दुकानें बंद रहीं। हालांकि, टट्टू और पालकी सेवाओं के निलंबन से तीर्थयात्रियों, खासतौर से बुजुर्गों और विकलांगों को अपनी पवित्र यात्रा जारी रखने में मुश्किल हो रही है।
स्थानीय लोग शिकायत कर रहे हैं कि यह प्रोजेक्ट पर्यावरण और उनकी आजीविका पर नकारात्मक असर डालेगा। उन्होंने दावा किया कि रोपवे प्रोजेक्ट उन्हें बेरोजगार कर देगा। उन्होंने अधिकारियों पर बिना किसी परामर्श के बिना विकास को आगे बढ़ाने का भी आरोप लगाया।
उपराज्यपाल की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदर्शनकारियों को रोजगार का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति रोपवे प्रोजेक्ट और स्थानीय लोगों के पुनर्वास पर विचार-विमर्श कर रही है।
उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय लोगों की वास्तविक चिंताओं पर विचार किया जाएगा और इलाके के विकास को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
क्यो है वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट?
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित और तेज यात्रा की सुविधा के लिए रोपवे प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की थी। प्रोजेक्ट डिटेल के अनुसार, ताराकोटे मार्ग से सांजी छत के बीच 12 किलोमीटर ट्रैक के बीच 250 करोड़ रुपए की लागत से रोपवे विकसित किया जाएगा।
श्राइन बोर्ड के CEO अंशुल गर्ग के अनुसार, “रोपवे प्रोजेक्ट एक गेम चेंजर होगी, खासकर उन तीर्थयात्रियों के लिए, जिन्हें मंदिर तक खड़ी यात्रा करना चुनौतीपूर्ण लगता है।”
श्राइन बोर्ड के CEO अंशुल गर्ग के अनुसार, “रोपवे प्रोजेक्ट एक गेम चेंजर होगी, खासकर उन तीर्थयात्रियों के लिए, जिन्हें मंदिर तक खड़ी यात्रा करना चुनौतीपूर्ण लगता है।”