रानीगंज। कोलकाता के आरजी कर मामले में 90 दिन पार हो जाने के बावजूद अभी तक किसी को सजा नहीं मिलने के खिलाफ कल रानीगंज में नेताजी सुभाष चंद्र की मूर्ति के सामने मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी हॉस्पिटल के समक्ष रानीगंज के निवासियों और समन्वय कमेटी के सदस्यों द्वारा एक पथ सभा का आयोजन किया गया इसके जरिए कोलकाता की मेडिकल छात्रा सहित जिन महिलाओं पर इस तरह के अत्याचार हुए हैं उनको इंसाफ दिलाने की मांग की गई इस मौके पर यहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के रानीगंज शाखा की अध्यक्ष डॉक्टर चैताली बसु सचिव पियाली दासगुप्ता कोषाध्यक्ष सुमित अग्रवाल सोनाली मुखर्जी देवाशीष भट्टाचार्य सुवर्णा भट्टाचार्य डॉक्टर एस माझी सहित संगठन के और भी तमाम सदस्य उपस्थित थे इस मौके पर डॉक्टर एस माझी ने बताया की कोलकाता में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना को 90 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक दोषियों को सजा नहीं मिली उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम अपने आने वाली पीढ़ी को क्या जवाब देंगे उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह घटनाएं हो रही है लेकिन दोषियों को सजा नहीं मिल रही है इससे भारत के विचार व्यवस्था पर लोगों के मन में सवाल खड़े हो रहे हैं उन्होंने कहा कि आज भारत में विचार व्यवस्था पूंजीपतियों और राजनीति के कारोबारीयों के दिशा निर्देश पर काम करती प्रतीत हो रही है लेकिन ऐसा चलने नहीं दिया जा सकता इसीलिए आज बुद्धिजीवी समाज के लोग सड़क पर उतरे हैं उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर सहित बुद्धिजीवी वर्ग के लोग सड़क पर नहीं उतरते तो मेडिकल कॉलेज में छात्रा के साथ जो घटना घटी उसकी सही जांच नहीं होती और डॉक्टर संदीप घोष जैसे लोग आज भी कानून की गिरफ्त से बाहर रहते। वहीं पियाली दासगुप्ता ने कहा आज आरजी कर की घटना को 90 दिन से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन आज भी पीड़िता को इंसाफ नहीं मिला है उन्होंने कहा कि सिर्फ एक आरजी कर नहीं 90 दिनों में और भी कई मामले हुए हैं जिनमें महिलाओं छोटी बच्चियों के साथ अत्याचार किया गया है उनकी हत्याएं की गई है किसी भी मामले में विचार नहीं हुआ है दोषी को सजा नहीं दी गई है अगर ऐसा ही चलता रहा तो समाज का नैतिक पतन अनिवार्य है इसे रोकने के लिए यह आंदोलन किया जा रहा है और जब तक ऐसे मामलों में हर एक दोषी को कानून के मुताबिक उचित सजा नहीं दी जाएगी तब तक नागरिक समाज का यह आंदोलन जारी रहेगा उन्होंने कहा कि अगर आज हमारा समाज खामोश रह गया तो हम आने वाले समय में अपनी अगली पीढ़ी को कोई जवाब नहीं दे पाएंगे और उनके सामने हमें शर्म से सर झुका लेना होगा इसलिए हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक इस तरह के मामलों के सभी दोषियों को उचित सजा नहीं मिल जाती। इस मौके पर यहां आत्मरक्षा से संबंधित एक नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया