कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित कोयला तस्करी मामले में मुख्य सूत्रधार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी विनय मिश्रा को भारत लाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जुगत लगानी शुरू कर दी है। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि केंद्रीय विदेश मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप के लिए पत्र लिखा जाएगा। वारदात में सीबीआई जांच शुरू होने के बाद मिश्रा अपने मां-बाप के साथ प्रशांत महासागर के बानअतु नामक द्वीप पर जाकर छुपा है और वहां की नागरिकता भी ले चुका है। राज्य में कोयला तस्करी के साथ-साथ मवेशी तस्करी वाले गिरोह का वह मुख्य सरगनाओं में से एक है।
हालांकि उसका भाई विकास मिश्रा फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं। सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि एजेंसी के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार विनय मिश्रा ने वानअतु द्वीप देश की नागरिकता ले ली है और वह भी एक अलग पहचान के साथ।
सीबीआई के प्रारंभिक जांच के अनुसार, मिश्रा ने कोयले और पशु तस्करी से अवैध रूप से अर्जित धन के लिए मुख्य संग्रह एजेंट के रूप में काम किया था। उनके भाई का काम अलग-अलग लाभार्थियों के एजेंटों को शेयर ट्रांसफर करना था।
सीबीआई के उक्त अधिकारी ने बताया कि विनय मिश्रा को मवेशी और कोयला तस्करी के पूरे कारोबार के बारे में चप्पे-चप्पे की जानकारी है। तस्करी के मामले में कौन-कौन से लोग लाभार्थी रहे हैं और किन-किन पुलिस अथवा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से कारोबार होता रहा है उनके बारे में पूरी सूची मिश्रा के पास है। इनमें कई राज्यों के प्रभावशाली लोग शामिल हैं इसलिए विनय मिश्रा की सीबीआई कस्टडी बेहद जरूरी है। उससे पूछताछ के बाद इन दोनों तस्करी गिरोह के पूरे कारोबार में संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी आसान हो जाएगी।