प्राचीन सिंगारन नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग को लेकर सिंघारन नदी बचाओ कमेटी का प्रदर्शन

जामुड़िया। जामुड़िया के तपसी गांव स्तिथ राष्ट्रीय राजमार्ग 60 के तपसी ओवरब्रिज के पास मंगलवार को सिंघारन नदी बचाओ कमिटी की ओर से पथ सभा का आयोजन किया गया।वही इस दौरान सिंघारन नदी को कारखानों से बचाने की मांग करते हुए पथ अवरोध किया गया।पथ सभा के दौरान संबोधित करते हुए जामुड़िया के पूर्व विधायक धीराज लाल हाजरा ने कहा की जामुड़िया का लाइफ लाइन कहे जाने वाले सिंघारन नदी को कारखानों के दूषित पानी तथा आयरनयुक्त रसायन से दूषित किया जा रहा है।वही सिंघारन नदी का पानी दूषित होने से दामोदर नदी का पानी भी दूषित हो रहा है क्युकी सिंघारन नदी अंडाल होते हुए बंगाल के प्रशिद्ध दामोदर नदी में जाकर मिलती है।उन्होंने कहा की एक ओर केंद्र सरकार नदियों को बचाने का मुहिम चला रही है तो दुसरी ओर पश्चिम बंगाल राज्य में नदियों का शोषण हो रहा है जिसपर सरकार का कोई ध्यान नहीं है।उन्होंने कहा की सिंघारन नदी को बचाने के लिए अनेकों बार जिला तथा ब्लॉक स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत किया गया है लेकिन नदी को संरक्षित करने के लिए कोई पहल नहीं किया गया।सभा के दौरान सिंघारन नदी बचाओ कमिटी के संयोजक अजीत कोड़ा ने कहा की जामुड़िया के कारखाना मालिकों द्वारा सिंघारन नदी का अतिक्रमण कर लिया गया है जिसे दखल मुक्त कराना अति आवश्यक हो गया है।उन्होंने कहा की जामुड़िया के कारखाना मालिकों द्वारा नदी के दोनो ओर सीमेंट से ढलाई कर नदी को संकरी कर दिया गया है जिसे तोड़कर सिंघारन नदी को उसके पुनर्रूप में लाना होगा।इसके अलावा नदी को संरक्षित रखने के लिए नदी की साफ सफाई करने के अलावा सिंघारन नदी के दोनो ओर पेड़ लगाना होगा।उन्होंने कहा की नदी के किनारे वाले गांव जैसे हुबडूबी,जानबाजार,सार्थकपुर,मोहिसाबुडी,तपसी स्टेशन पाड़ा आदि गांव के लोग सिंघारन नदी का पानी इस्तेमाल करते है लेकिन नदी का पानी दूषित तथा केमिकलीयुक्त होने के कारण लोगों को चर्म रोग सहित विभिन्न तरह की स्वास्थ संबंधी बीमारी हो रही है।उन्होंने कहा की जब तक सिंघारान नदी को उसके मूल रूप तक नहीं लाया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।पथ सभा के दौरान सिंघारन नदी बचाओ कमिटी के चंद्र हंसदा,दीपक दास,विज्ञान मंच के उज्जल चटर्जी आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।

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