रानीगंज। रानीगंज के काकरडांगा और डामालिया क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों ने,एगारा पंचायत के दो सदस्यों के साथ मिलकर,पुराने चलने के रास्ते को फिर से चालू करने की मांग पर जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने नूनिया नदी पर स्थित सिधु कानू ब्रिज को घेरकर सभी वाहनों को रोक दिया। तृणमूल पंचायत के सदस्यों ने दावा किया कि लंबे समय से चालू पुराने रास्ते को बंद करने की साजिश हो रही है। वहीं,स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में स्थित हाड़ाभंगा ब्रिज की हालत बेहद खराब है, जबकि राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर एक नया ब्रिज बनाया है। इसके बावजूद,काकरडांगा और एगारा के लिए जाने वाला जो बाईपास सड़क है, जिसे लोग ब्रिटिश काल से इस्तेमाल कर रहे हैं,उसे बंद करने की योजना बनाई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस ब्रिज के माध्यम से काकरडांगा गांव की संकीर्ण सड़कों से यात्रा करना मुश्किल हो जाता है। कई वाहनों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनके अनुसार,पुराने पिच वाले रास्ते को धीरे-धीरे बंद कर इस नए ब्रिज से आवागमन को बाधित किया जा रहा है,जबकि यह रास्ता लोगों को स्कूल-कॉलेज जाने के लिए लगभग पांच किलोमीटर का रास्ता कम करता है। ग्रामीणों का आरोप है कि तृणमूल नेता अपने निजी स्वार्थों के कारण इस रास्ते को चालू नहीं होने दे रहे हैं। उनका दावा है कि इस रास्ते के लिए कई स्थानीय लोगों ने अपनी जमीन भी दान की है,लेकिन फिर भी इसे बंद करने की योजना बनाई जा रही है,जिसका वे कड़ा विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वे लंबे अनशन पर भी जा सकते हैं।हालांकि,जिनके खिलाफ ये आरोप लगाए गए हैं, उनसे संपर्क नहीं हो सका है। बाद में, जब विनोद नूनिया से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि वे हमेशा क्षेत्र के विकास और लोगों की सुविधा के लिए कार्यरत हैं। पुराने रास्ते की स्थिति से वे अवगत नहीं हैं,लेकिन इस मुद्दे की जांच करेंगे और समष्टि विकास अधिकारी से बातचीत कर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।