
दुर्गापुर। औद्योगिक शहर दुर्गापुर केवल लोहे का ही शहर नहीं है यह सर्व धर्म समन्वय का जीता – जागता मिनी भारत भी है। दुर्गापुर का भी अपना इतिहास है। राढ़ जीवन – जंगल से उपजे और डाकू – लुटेरों के नामित शहर दुर्गापुर आज विश्व मानस – पटल पर अंकित है। और आज इसी शहर ने दुर्गापुर कांवरियां सेवा शिविर को उत्साहित किया , मर्यादित किया और गौरवान्वित कर देवघर यात्री – कांवरिया सेवा के लिए एकमाह व्यापी सेवा – शिविर का आयोजन कर सेवा का अवसर दिया। जिसका आज समापन हुआ। पिछले 24 सालों से कांवरियों की सेवा में प्रयत्नशील संगठन के कुछ पुराने लोगों के सतत प्रयास और साहस के कारण सेवा शिविर – 2024 इस वर्ष अपने सीमित संसाधनों से लैस था और कर्म – सेवा क्षेत्र में ईमानदार और तटस्थ भी। सेवा शिविर के 16 – 17 अगस्त को स्वत : स्फूर्त – शिवभक्त सेवाइतों यथा अखिलेश जी , अमरेंद्र चौबे उर्फ महाराज जी , दुर्गापुर सवडिविजनल महाछठ कोआर्डिनेशन कमेटी के कॉनभेनर सह डीएमसी के बोर्ड मेंबर धर्मेंद्र यादव , दुर्गापुर शहर के युवा समाज सेवी राजू सिंह , सपन गोड़ाई , संजीव तिवारी , पवन जी , मुन्ना जी एवं अन्य के साथ अधेड़ दिव्यांग किन्तु तीव्र दिव्य दृष्टि उसके सेवा भाव के दिवाने हो जाते थे लोग यह मूक वधीर सेवा – सुरक्षा का नायक की भूमिका में था। आज समापन समारोह सादगीपूर्ण वातावरण में महा भोग प्रसाद के बाद सुसंपन्न हुआ।
