बीएसएफ ने पश्चिम बंगाल सरकार और सीमा क्षेत्र के निवासियों के साथ बांग्लादेश संकट पर समन्वय बैठक की

बंगाल सरकार के अधिकारियों के साथ बीएसएफ की बैठक

कोलकाता, 06 अगस्त । बीएसएफ दक्षिण बंगाल सीमांत की आठवीं और 107वीं बटालियन के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों और सीमावर्ती गांवों के लोगों के साथ समन्वय बैठक की। इसका उद्देश्य सीमावर्ती समुदायों और स्थानीय अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करना था। बांग्लादेश में उपजे हिंसक हालात के बीच यह तालमेल सीमा सुरक्षा में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

पहली बैठक बोर्नबेरिया सीमा चौकी, आठवीं बटालियन बीएसएफ के जवानों ने पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के साथ आयोजित की। इसमें राणाघाट के एसडीओ और एसडीएम, हंसखाली के बीडीओ, डीएसपी (सीमा) पश्चिम बंगाल, बीएल और एलआरओ के अधिकारी, हंसखाली के सहायक कृषि निदेशक और हंसखाली गांव के सभापति/सरपंच, पंचायत के सदस्य शामिल थे।

आठवीं बटालियन की बैठक में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। इनमें सीमा क्षेत्रों में ऊंची फसलों का प्रबंधन, जूट डंपिंग की समस्या, कर्फ्यू के बाद सीमा सड़कों पर नागरिक आवाजाही और बिना बाड़ वाले क्षेत्रों में बाड़ लगाने के लिए भूमि अधिग्रहण शामिल थे। इन मुद्दों को हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

107वीं बटालियन की बैठकें उत्तरपाड़ा और मुस्तफापुर सीमा चौकियों पर हुईं। यहां बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और बांग्लादेशी सेना के कार्यभार संभालने के बाद मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई। बीएसएफ ने घुसपैठ और तस्करी रोकने के लिए सतर्कता की जरूरत बताई। ग्रामीणों को रात के समय सीमावर्ती क्षेत्रों और अंतर्राष्ट्रीय सीमा सड़क पर न जाने की सलाह दी गई। यह निर्णय हुआ कि बाजार की दुकानें रात नौ बजे तक बंद हो जाएं और मस्जिदों से ग्रामीणों को सीमा से दूर रहने की घोषणा की जाए। किसानों को जरूरी कार्य के लिए ही गेट का उपयोग करने और जरूरत पड़ने पर बीएसएफ से मदद लेने का निर्देश दिया गया।

बीएसएफ ने बल और स्थानीय नागरिकों के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और सामुदायिक सुरक्षा और सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।

 

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