रानीगंज मे तीन दिवसीय ‘शांतिनिकेतन की नृत्य धारा’ कार्यशाला का संपन्न

 

रानीगंज। रानीगंज के भारत कला केंद्र भवन में रविवार को शांतिनिकेतन की नृत्य धारा के नाम से तीन दिवसीय एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में नृत्य सीखने के लिए शांतिनिकेतन के मणिपुरी डांस संगीत भावना के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुमित बसु सौरव चटर्जी, डालिया कर्मकार, मलंचा चटर्जी, सुजाता महानता उपस्थित थे । इस दौरान कार्यशाला में रानीगंज क्षेत्र तथा भारत कला केंद्र के डांसरों ने हिस्सा लिया। इस दौरान डॉक्टर सुमित बशु ने कहा कि शांतिनिकेतन में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की दौड़ में जो नृत्य धारा चलती थी वह आज के दौर में लुप्त होती जा रही है इसे जागृत करने के लिए आज भारत कला केंद्र द्वारा मुझे आमंत्रित किया गया था इस नृत्य धारा को सीखने के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसमें यहां की हमारी छात्र का विशेष योगदान रहा है तीन दिनों तक मैं यहां शांतिनिकेतन की नृत्य धारा सिखाऊंगा हमारी संस्कृति जो लुप्त होती जा रही है आज के दौर में इसे जीवित रखना हैइसलिए इस तरह का आयोजन होते रहना चाहिए ताकि हम अपनी संस्कृति विरासत को बरकरार रख सके एवं गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की भावनाओं को जीवित रख सके।
इस कार्यशाला में हिस्सा लेने वाली एक विद्यार्थीयों ने बताया की रवींद्रनाथ टैगोर की कविता हो या गाने या नृत्य उन में भाव सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है लेकिन धीरे-धीरे हम सब उसे दूर होते जा रहे हैं इस कार्यशाला में डॉक्टर सुमित बसु ने उसे भाव के बारे में बताया हमें अवगत कराया और हमें इस कार्यशाला में रविंद्र नृत्य और उसके भाव के बारे में काफी कुछ नया सीखने को मिला। भारत में कला केंद्र के संपादक सौरभ चटर्जी ने कहा कि उनकी संस्था की तरफ से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लगातार इस तरह के आयोजन को किया जाता है रानीगंज में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया यहां से कारवां उत्तर पाड़ा जाएगा इसके बाद सिलीगुड़ी कोच बिहार इसी तरह से हर जिले में इस तरह के कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा ताकि भारतीय संस्कृति को बढ़ावा मिल सके

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