पुरुलिया, 23 मई – चुनाव के माहौल में गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा पर अयोध्या हिल्स पर शिकार उत्सव पर इस बार अयोध्या हिल्स पर आदिवासियों की भीड़ काफी कम रही। हर साल इस तिथि पर इस राज्य और पड़ोसी राज्यों से आदिवासी समुदाय के लोग पुरुलिया के अयोध्या पहाड़ पर इस महामिलन उत्सव में शामिल होने आते हैं।
इस दिन अयोध्यापहाड़ के सुतानटांडी में आदिवासियों का “ला वीर बैसी” कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह आदिवासियों विशेषकर संथाल समुदाय का वार्षिक पर्व है, जहां पूरे पूर्वी क्षेत्र के आदिवासी पहाड़ियों के गड़ स्थान पर इकट्ठा होते हैं। उनके अपने पारंपरिक हथियारों के साथ उपस्थित हुए एवं वहां उनकी सभा हुई। जहां समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई एवं निर्णय लिये गए।
संथाल पुरुषों को अपने जीवन में कम से कम एक बार इस गढ़ स्थान पर आना पड़ता है। इस दिन सभा के साथ-साथ आने वाले लोग पहाड़ी पर भ्रमण करते हैं। इसे सेंडारा भी कहा जाता है। हालांकि इस साल चुनाव के कारण भीड़ काफी कम रही। आज पहाड़ घूमने आये हुगली के पंचराम मांडी ने कहा कि महज दो दिन में चुनाव होने के कारण संथाल समुदाय के लोग दूसरे राज्यों से बहुत कम लोग आये हैं।
झारखंड में भी वोट के कारण बड़ी संख्या में आदिवासी वहां से नहीं आये। तभी बुधवार की रात भारी बारिश के कारण कई लोग जंगल में नहीं घुस पाये। इसलिए इस बार पहाड़ों में भीड़ काफी कम है। उन्होंने इस बार शिकार काफी कम होने की बात कहते हुए कहा कि उनकी टीम के सदस्य सिर्फ एक जंगली सूअर को ही मार पाये हैं। पहाड़ियों के अन्य निवासियों ने भी कहा कि शिकार करने की प्रेरणा अब बहुत कम हो गई है। पहले इस दिन पहाड़ों के पार शिकार करने की प्रथा थी, लेकिन अब यह प्रतीकात्मक हो गया है। अवैध शिकार को रोकने के लिए वन विभाग के साथ-साथ स्थानीय लोग भी अब अलर्ट पर हैं।
पुरुलिया वन प्रभाग के डीएफओ अंजन गुहा ने कहा कि सेंदरा में शुभकामना के रूप में वृक्षारोपण समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि इस दिन बड़ी संख्या में आने वाले लोगों के लिए वन विभाग द्वारा पर्याप्त पानी और ओआरएस की भी व्यवस्था की गयी थी। इस दिन वन विभाग की ओर से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया।
