हिंदुओं की जनसंख्या को लेकर जारी पीएम की रिपोर्ट पर तृणमूल-माकपा ने उठाए सवाल

कोलकाता, 09 मई । पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, माकपा और कांग्रेस सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने 1950 से 2015 तक अल्पसंख्यकों के मुकाबले हिंदुओं की आबादी कम होने के संबंध मेें प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् (ईएसी-पीएम) की जारी रिपोर्ट के समय पर सवाल उठाया है। इन राजनीतिक दलों ने ईएसी-पीएम रिपोर्ट को लोकसभा चुनाव के बीच एक राजनीतिक चाल बताया है।

माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने गुरुवार को कहा कि ऐसी रिपोर्ट जारी करने के बजाय सरकार को जनगणना करानी चाहिए। सलीम ने कहा कि 2021 में होने वाली जनगणना को कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था। यदि जनगणना हो जाती तो जनसंख्या की वास्तविक तस्वीर सामने आ जाती। उन्होंने कहा कि आरएसएस के एजेंडे के तहत चुनाव के बीच यह रिपोर्ट जारी की गई है।

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य समीरुल इस्लाम ने कहा कि चुनाव के बीच जारी इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भाजपा में हार का डर बैठ गया है। उन्होंने कहा कि इसी डर की वजह से भाजपा हर तरह के कार्ड खेल रही है। यह कवायद काफी समय पहले शुरू हुई थी और चुनावों के बीच भी जारी है। लेकिन ये चालें इस बार काम नहीं करेंगी।

पश्चिम बंगाल से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य शुभंकर सरकार ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, पश्चिम बंगाल में हिंदू आबादी में वृद्धि मुसलमानों की तुलना में अधिक थी। तो वे कैसे कह सकते हैं कि भारत में हिंदू खतरे में हैं?

सरकार ने कहा कि आर्थिक सलाहकार परिषद को भूख सूचकांक और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?