हाई कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व जस्टिस गांगुली ने मांगा ममता बनर्जी का इस्तीफा

 

कोलकाता, 22 अप्रैल  । कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को राज्य में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए हुई 25 हजार से अधिक नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया है। 2016 के पूरे नियुक्ति पैनल को अमान्य घोषित करते हुए नियुक्त किए गए सभी लोगों के वेतन को ब्याज सहित वसूलने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है। अब इस पर पूर्व न्यायाधीश और वर्तमान में तमलुक लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गांगुली ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साथा है। उन्होंने तुरंत ममता बनर्जी के इस्तीफा की मांग की है और हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा, ”अदालत ने उचित फैसला दिया है लेकिन आज मेरे राहत का दिन नहीं है। क्योंकि मेरा राज्य इसी मुख्यमंत्री के अधीन चल रहा है। वास्तविक पात्र नौकरी चाहने वाले इतने लंबे समय से वंचित हैं। आशा है उनके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी।’

अभिजीत ने कहा, ”जो योग्य उम्मीदवार हैं उन्हें वंचित कर दिया गया है। इस झूठ बोलने वाली मुख्यमंत्री ने उन्हें धोखा दिया है। वंचितों में हिंदू और मुस्लिम भी शामिल हैं। सभी को ममता का बहिष्कार करना चाहिए। ममता बनर्जी अब इस्तीफा दे देना चाहिए। मुझे बुरा लग रहा है, मैं ऐसे मुख्यमंत्री के राज्य में हूं। अगर आपमें थोड़ी भी शर्म है तो आपको इस्तीफा दे देना चाहिए। राष्ट्रपति शासन के तहत चुनाव होने चाहिए।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के जज रहते हुए जस्टिस अभिजीत गांगुली ने ही शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामलों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। उनके कई फैसलों पर लगातार खंडपीठ की रोक लगी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट तक पत्र लिखकर खंडपीठ के उन जजों पर उन्होंने सवाल खड़ा किया था जो रोक लगा रहे थे और आखिरकार देश की शीर्ष अदालत में उन्हीं के फैसले को हरी झंडी देते हुए मामले की सीबीआई जांच जारी रखने का आदेश दिया था। इसी की वजह से आज यह फैसला आया है।

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