तृणमूल ने भाजपा पर केंद्रीय एजेंसीयों के दुरुपयोग का आरोप लगाया, निर्वाचन आयोग से हस्तक्षेप की मांग

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने सत्तारूढ़ भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सोमवार को निर्वाचन आयोग से संपर्क किया और हस्तक्षेप की मांग की। टीएमसी नेता अपनी चिंताओं को उठाने के लिए सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों से मिलेंगे।

यहां आयोग के मुख्यालय के बाहर पश्चिम बंगाल की मंत्री शशि पांजा ने संवाददाताओं से कहा कि जिस तरह से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनाव की घोषणा से पहले गिरफ्तार किया गया था, ये परेशान करने वाली बात है।

उन्होंने कहा, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद गिरफ्तार किया गया। पांजा ने कहा, ”जिस तरह से आचार संहिता की घोषणा से ठीक पहले हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया, उससे हम परेशान हैं… अब एमसीसी की घोषणा हो चुकी है और चीजें निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में हैं, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री सलाखों के पीछे हैं। हम आयोग से अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध कर रहे हैं।”

तृणमूल नेता ने दावा किया, ”ईडी, सीबीआई और एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियां विपक्षी नेताओं पर निशाना साध रही हैं। इन्हें विपक्ष के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। हमने अपनी चिंताओं को उठाने के लिए समय मांगा था और हमें सोमवार का समय दिया गया है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं और नेताओं को एजेंसियों द्वारा तलब किया जा रहा है, जिससे पार्टी का चुनाव अभियान बाधित हो रहा है। पांजा ने आयोग से हस्तक्षेप की मांग की। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन, सांसद डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

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