सुरों के सरताज पंकज उधास ने ली आखिरी सांस, 72 की उम्र में हुआ निधन

मशहूर गजल गायक पंकज उधास का निधन हो गया है. पंकज उधास ने मुंबई के एक अस्पताल में 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. उनकी बेटी नायह अधास ने उनके निधन की जानकारी दी.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म इंस्टाग्राम पर लिखा कि बहुत भारी मन से हम आपको पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन की सूचना देते हुए दुखी हैं.

गायक पंकज उधास को साल 2006 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यह पुरस्कार उन्हें गजल गायकी के करियर में सिल्वर जुबली पूरा करने के उपलक्ष्य में दिया गया था. पंकज उधास के निधन के बाद दुनिया भर में शोक की लहर है. उधास के निधन के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा है.

ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा था इलाज

पंकज उधास की टीम की ओर से साझा जानकारी के अनुसार उन्होंने आज सुबह करीब 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली है. बीते कई दिनों से वह बीमार चल रहे थे. टीम ने बताया कि 10 दिन पहले ही उन्हे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

कैरियर में कई एल्बम रिलीज किए

1951 में गुजरात में जन्मे पंकज उधास ने अपनी गायकी से हर किसी के दिल पर राज किया है. उन्होंने बहुत कम उम्र में ही संगीत जगत में कदम रखा था और 1980 और 1990 के दशक में प्रसिद्धि हासिल की थी. अपने कैरियर में उन्होंने कई एल्बम रिलीज किए. उधास के हिट गाने ‘चिट्ठी आई है’, ‘जीयें तो जीयें कैसे’ आज भी लोग गुनगुनाते हैं. उधास ने संगीत की दुनिया में अपना योगदान देकर भारतीय संस्कृति पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उनकी सदाबहार नजम आज भी दर्शकों का मन मोह लेती है.

पंकज उधास ने निधन पर सिंगर और म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेवन ने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा कि पंकज का जाना संगीत जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं की सकती है.

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