केजरीवाल ने अदालत के सामने स्वीकारी गलती, कहा- मैंने वीडियो रिट्वीट करके..

दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान केजरीवाल ने अदालत के सामने अपनी गलती स्वीकार कर ली है।

दरअसल, ये मामला मई 2018 का है। अरविंद केजरीवाल ने 2018 में यूट्यूबर ध्रुव राठी की एक पोस्ट को रीट्वीट किया था। इसी को लेकर उन पर मानहानि का आरोप लगा और मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था। अब हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अदालत से कहा कि उन्होंने यूट्यूबर ध्रुव राठी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी प्रकोष्ठ से जुड़े कथित अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट करके गलती की।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किए बिना ही शिकायतकर्ता से पूछा कि क्या वह मुख्यमंत्री की माफी के बाद इस मामले को बंद करना चाहते हैं।

मानहानि केस पर हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने इस मामले में आरोपी के रूप में अरविंद केजरीवाल को जारी किए गए समन को बरकरार रखा था। हाईकोर्ट ने पांच फरवरी, 2024 के अपने फैसले में कहा था कि कथित अपमानजनक सामग्री को दोबारा पोस्ट करने पर मानहानि का कानून लागू होगा। कोर्ट ने कहा था कि जिस सामग्री के बारे में किसी को जानकारी नहीं है, उसे रीट्वीट करते समय जिम्मेदारी की भावना जुड़ी होनी चाहिए। अदालत यह भी कहा था कि मानहानि सामग्री को रीट्वीट करने वाला व्यक्ति डिस्क्लेमर जारी नहीं करता तो दंडात्मक समेत अन्य कार्रवाई होनी चाहिए।

11 मार्च तक नहीं होगी सुनवाई
अब सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने निचली अदालत से 11 मार्च तक केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई नहीं करने को कहा। केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘केजरीवाल का कहना है कि उन्होंने रिट्वीट करके गलती की है।’

सांकृत्यायन को नुकसान पहुंचाना नहीं था मकसद
इससे पहले मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट में कहा था कि निचली अदालत इस बात को समझने में विफल रही कि उनके ट्वीट का उद्देश्य शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन को नुकसान पहुंचाना नहीं था। उच्च न्यायालय के समक्ष केजरीवाल की याचिका में कहा गया कि अधीनस्थ अदालत ने समन जारी करने के लिए कोई कारण नहीं बताकर गलती की और आदेश ‘प्रथम दृष्टया’ न्यायिक विवेक के अनुसार नहीं थे।

सांकृत्यायन ने दावा किया कि ‘भाजपा आईटी सेल पार्ट II’ शीर्षक वाला यूट्यूब वीडियो जर्मनी में रहने वाले राठी द्वारा प्रसारित किया गया था, जिसमें कई झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए थे।

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