सीबीआई ने हाई कोर्ट में बताया कैसे घूस लेकर शिक्षकों की नौकरी के लिए बढ़ाए गए नंबर

कोलकाता, 06 फरवरी । पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही सीबीआई ने एक हलफनामे के जरिए कोलकाता उच्च न्यायालय को बताया है कि किस तरह से फर्जी नियुक्ति के लिए घूस देने वाले उम्मीदवारों के नंबर बढ़ाए गए।

हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामें में सीबीआई ने दावा किया है कि एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार की जांच में गाजियाबाद से बरामद हार्ड डिस्क का डेटा वास्तविक है। हालांकि एसएससी की वेबसाइट पर जो मेरिट लिस्ट अपलोड की गई थी उसमें बड़े पैमाने हेरफेर किया गया था.

केंद्रीय डिप्टी सॉलिसिटर जनरल बिलबादल भट्टाचार्य ने जस्टिस देवांग्शु बसाक और जस्टिस मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ में मामले में सीबीआई का हलफनामा पेश किया। सूत्रों के मुताबिक, हलफनामे में इस बात का विस्तृत विवरण दिया गया है कि उस हार्ड डिस्क पर क्या जानकारी है और यह कैसे समझा गया कि जानकारी वास्तविक है। इसमें यह भी बताया गया है कि कैसे उत्तर पुस्तिका को स्कैन करने के बाद डिजिटल कॉपी से छेड़छाड़ करके कुछ उम्मीदवारों के अंक बढ़ाए गए थे।

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन करने और सफल उम्मीदवारों की सूची तैयार करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी ”नाइसा” के कई कर्मचारी इस भ्रष्टाचार में शामिल थे। जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है, उच्च प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में भी इसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ है। हलफनामे में प्राथमिक का भी उल्लेख किया गया है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान वंचित नौकरी उम्मीदवारों के एक समूह के वकील फिरदौस शमीम ने भी एक अतिरिक्त हलफनामा प्रस्तुत किया है। दावा किया गया है कि 2018 में एसएससी ने कुछ नौकरी उम्मीदवारों को उत्तर पुस्तिकाओं (ओएमआर शीट) की प्रतियां दी थीं। फिरदौस का दावा है कि एसएससी के पास जो उत्तर पुस्तिका की जानकारी थी वह भी इसका प्रमाण है।

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