23-24 फरवरी को सभी राज्यों के व्यापारी नेताओं का नई दिल्ली में ई-कॉमर्स और जीएसटी पर बड़ा सम्मेलन: सुभाष अग्रवाल

 

आसनसोल:– कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) पश्चिम बंगाल के चेयरमैन सुभाष अग्रवाला ने रविवार कोलकाता सारांश को बताया कि वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनियों की उल्लंघनकारी नीतियों और व्यावसायिक गतिविधियों और चीनी कंपनियों द्वारा भारत में डेटा सुरक्षा क़ानून के अभाव में आधुनिक प्रौद्योगिकी के ज़रिए कब्ज़ा करने के मंसूबों का विरोध करने के लिए और जीएसटी कर प्रणाली की जटिलता पर गंभीर चर्चा करने के लिए देश के सभी राज्यो के 100 से अधिक शीर्ष व्यापारी नेता कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में आगामी 23-24 फरवरी को नई दिल्ली में शामिल होंगे । सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी द्वारा किया जाएगा, जो प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत,डिजिटल इंडिया तथा लोकल पर वोकल विजन को अधिक से अधिक अपनाने और स्वीकार करने पर अधिक जोर देते हुए एक महत्वपूर्ण भाषण देंगी। दो दिवसीय सम्मेलन में 40 हजार से अधिक व्यापार संघों की भागीदारी के माध्यम से देश के 8 करोड़ व्यापारियों के बीच व्यापारियों के मुद्दों पर एक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने की घोषणा भी की जाएगी ।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स के वर्तमान परिदृश्य और जीएसटी की विभिन्न कदाचार और जटिलताओं ने भारत के खुदरा व्यापार के अस्तित्व को चुनौती दी है और व्यापारियों के लिए बड़ी समस्याएं खड़ी की है। इन महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने में देश में सरकारों की विफलता ने देश भर के व्यापारिक समुदाय में बेहद पीड़ा औरआक्रोश पैदा किया है जिसके कारण कैट देश भर में अब एक आक्रामक राष्ट्रीय अभियान शुरू करने के लिए मजबूर हो गया है चूंकि केंद्र सरकार केवल नीति बनाती है इसलिए अभियान का बड़ा फोकस राज्य सरकारों पर होगा क्योंकि व्यापार राज्य का विषय मुद्दा है और राज्य सरकारें केंद्र सरकार की नीतियों को अपने अपने राज्यों में लागू करती हैं । यह अभियान देश के राजनीतिक पार्टियों पर भी हमला करेगा क्योंकि अभी तक इन दोनों मुद्दों पर राजनीतिक दलों ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है

बैठक के एजेंडे को बताते हुए, श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि देश के शीर्ष 100 ट्रेड लीडर्स व्यापारिक समस्याओं पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे जिनमें विशेष रूप से केंद्रीय बजट 2022 द्वारा जीएसटी अधिनियम और आयकर अधिनियम में किए गए संशोधन, जीएसटी की जटिलताएं, विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अवैध और अनैतिक तरीके से कारोबार का भारत के ऑफलाइन व्यापारियों पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव, मुद्रा योजना की विफलता, और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा आभूषण और फ़ुटवियर व्यापार के लिए बनाए गए नियमो एवं खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम पर गम्भीर चर्चा की जायेगी।

व्यापारियों के लिए आयकर के तहत एक अलग टैक्स स्लैब बनाने की मांग, एक राष्ट्रीय खुदरा नीति की आवश्यकता और एक प्रभावशाली नियामक प्राधिकरण के साथ एक ई-कॉमर्स नीति, सभी प्रकार के व्यापार लाइसेंसों के स्थान पर केवल एक लाइसेन्स सहित कई अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। ,व्यापार से संबंधित पुराने कानूनों को निरस्त करना, कम ब्याज दर पर व्यापारियों को लोन मुहैया कराने के लिए सरकार की समर्थन नीतियां, महिला उद्यमियों का सशक्तिकरण, स्टार्ट अप्स की देख रेख, व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन और बीमा योजना, मौजूदा खुदरा व्यापार के प्रारूप का उन्नयन और आधुनिकीकरण जैसे मुद्दे भी चर्चा का विषय होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?