हिमोफिया सोसायटी जैसलमेर चैप्टर द्वारा मकर सक्रांति पर्व पर आशाएं लोगों को के बीच कंबल और तिल से बने व्यंजन बांटे गए

हिमोफिया सोसायटी जैसलमेर चैप्टर द्वारा मकर सक्रांति पर्व पर आशाएं लोगों को के बीच कंबल और तिल से बने व्यंजन बांटे गए

 

 

 

जैसलमेर ; हिमोफिया सोसायटी जैसलमेर चैप्टर द्वारा मकर सक्रांति के पर्व पर गरीब व असहाय लोगों को गरम कंबल व तिल से बने व्यंजन  वितरण किया गया गये।
हिमोफिया सोसायटी जैसलमेर चैप्टर के अध्यक्ष आरडी जोशी व सचिव महेंद्र सिंह हमीरा की पहल हमारी भारतीय संस्कृति में मेलों व त्योहारों का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत एक ऐसा देश है जहां हर दिन कोई न कोई पर्व मनाया जाता है। वास्तव में, यह पर्व और मेले हमारे जीवन में नई ऊर्जा का संचार करने के साथ-साथ परस्पर भाईचारा व प्रेम को बढ़ाने वाले हैं। मकर संक्रांति ऐसा ही ” तमसो मा ज्योतिर्गमय” का साक्षात प्रेरणा पुंज अर्थात अंधकार से उजाले की ओर बढ़ाने व अनेकता में एकता का संदेश देने वाला पर्व है। साथी ही इस पर्व पर धनु से मकर राशि व दक्षिणायन से उत्तरायण में सूर्य के प्रवेश के साथ यह पर्व संपूर्ण भारत में अनेक नामों से मनाया जाता है। और इस दिन तिल, गुड़ मक्का ,मूंगफली एवं ग़ज़ल से बने प्रसाद की अग्नि में आहुति प्रदान की जा कर घरों में व्यंजन परोसे जाते हैं। जैसा कि इस पर्व पर श्रद्धा ,भक्ति, तर्पण व दान पुण्य का विशेष महत्व होता है। इन सब बातों के आलोक में जैसलमेर हिमोफिया सोसाइटी जैसलमेर चैप्टर की तरफ से उनके अध्यक्ष आरडी जोशी व सचिव महेंद्र सिंह डॉ.जालम सिंह कोहरा, इंद्र सिंह ट्रायो एवं तन सिंह पंवार ने अमर सागर प्रोल,गड़ीसर तालाब आदि गरीब असहाय लोगों के आश्रय स्थलों में जाकर कंबल व तिल से निर्मित व्यंजन बांटे व समाज में खुशहाली की कामना की। साथ ही चाइनीज मांझे का प्रयोग नहीं करने हेतु बच्चों व उनके परिजनों को समझाइश की गई। यह समझाइश करते हुए आरडी जोशी ने बताया है कि जैसा की हमारा जीवन अमूल्य है। जैसे कि हमें अपने बच्चे जितने प्यारे हैं उतने पक्षियों के बच्चे पक्षियों को भी प्यारे है। पक्षी हमारी प्रकृति के रक्षक भी है। अतः परिजन बच्चों पर विशेष नजर रखे, ताकि मूक प्राणियों का जीवन बचाया जा सके।

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