नगर पालिका नियुक्ति के बिचौलियों की डायरी में था सुजीत-तापस और एक तृणमूल नेता का नाम, इसलिए छापेमारी

 

कोलकाता, 12 जनवरी । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को नगर पालिकाओं की नौकरी के मामले में करोड़ों के कथित घोटाले में गिरफ्तार बिचौलिए की निजी डायरी में उल्लिखित शब्दों के आधार पर पश्चिम बंगाल के मंत्री सुजीत बोस, तृणमूल कांग्रेस के विधायक तापस राय और सत्तारूढ़ पार्टी के एक पार्षद के परिसरों पर ताजा छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, पहली बार महत्वपूर्ण सबूत तब मिले जब ईडी अधिकारियों ने स्कूल में नौकरी के बदले करोड़ों रुपये के मामले में पिछले साल गिरफ्तार बिचौलिए अयान सिल के आवास पर छापा मारा था। सबूतों में सिल की निजी डायरी भी शामिल थी, इसमें कुछ नंबरों के सामने कई शुरुआती अक्षर और कोड शब्द अंकित थे, जिनके बारे में जांच एजेंसी का मानना है कि ये कमीशन के रूप में भुगतान की गई कथित घोटाले की आय के हिस्से थे। दो विशिष्ट कोड नामों – एसबी और तापस दा – ने ईडी अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया, इसके कारण शुक्रवार को छापे मारे गए।डायरी में कुछ अन्य विवरण भी थे, जिसमें यह भी शामिल था कि इन नगर पालिकाओं में किस श्रेणी की नौकरियों के लिए कितनी राशि तय की गई थी, जिनमें से अधिकांश उत्तर 24 परगना जिले में थीं। ईडी ने हाल ही में इन नगर पालिकाओं में कम से कम दो हजार ऐसी भर्ती अनियमितताओं के मामलों का विवरण संकलित करने की प्रक्रिया पूरी की थी और ऐसे संकलन के आधार पर, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी अनुमानित वित्तीय भागीदारी की एक मोटी गणना करने में भी सक्षम थे। प्रत्येक अनियमित भर्ती के पीछे औसतन पांच लाख रुपये की वित्तीय संलिप्तता का अनुमान लगाते हुए जांच एजेंसी का मानना है कि कुल वित्तीय संलिप्तता लगभग सौ करोड़ रुपये है। ईडी के निष्कर्षों के अनुसार, अब तक नगर पालिकाओं की भर्ती अनियमितताएं मुख्य रूप से ड्राइवर, क्लर्क, निचले ग्रेड के कंप्यूटर ऑपरेटर और बेस-वर्कर जैसे निचले रैंक के पदों के लिए थीं।

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