अमरोहा से लोकसभा सांसद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता दानिश अली को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। दानिश अली लगातार विपक्षी गठबंधन के साथ अपनी नजदीकी दिखा रहे हैं। वह कांग्रेस और अन्य बसपा विरोधी दलों के साथ में सुर मिलाते दिख जाते हैं।
हालांकि, मायावती के नेतृत्व वाली बसपा लगातार भाजपा और कांग्रेस से एक दूरी बनाकर रख रही है। ऐसे में कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं से नजदीकियां दानिश अली को भारी पड़ती हुई दिखाई दे रही है।
पार्टी के आधिकारिक बयान में कहा गया है, “आपको कई बार मौखिक रूप से निर्देश दिया गया है कि आप पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ कोई बयान या कार्रवाई न करें। इन चेतावनियों के बावजूद, आप लगातार पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल हैं।” बयान में दानिश अली के जनता दल (सेक्युलर) के साथ पिछले जुड़ाव पर भी प्रकाश डाला गया।
बयान में कहा गया है कि 2018 तक आप श्री देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर) के सदस्य के रूप में कार्यरत थे। 2018 के कर्नाटक चुनाव में आपने बहुजन समाज पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) के बीच गठबंधन में सक्रिय रूप से भाग लिया। चुनाव परिणाम के बाद श्री देवेगौड़ा के अनुरोध पर आपको बसपा प्रत्याशी के रूप में अमरोहा से टिकट दिया गया। आपको यह टिकट देने से पहले श्री देवेगौड़ा ने आपको आश्वासन दिया था कि बसपा का टिकट मिलने के बाद आप सदैव पार्टी हित में कार्य करते हुए पार्टी की नीतियों व निर्देशों का पालन करेंगे। आपने यह आश्वासन उनके समक्ष भी दोहराया था।
हालांकि, पार्टी का आरोप है कि अली अब इन आश्वासनों को भूल गए हैं और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। बसपा ने कहा, “इस आश्वासन के बाद, आप बसपा के सदस्य बने, अमरोहा से चुनाव लड़े, जीते और लोकसभा में भेजे गए। हालाँकि, अब आप अपने दिए गए आश्वासनों को भूल गए हैं और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। इसलिए, पार्टी के हित में, बहुजन समाज पार्टी से आपकी सदस्यता तत्काल निलंबित की जाती है।”