कोलकाता, 8 अगस्त ! हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नौकरी नहीं दी गई। 62 नौकरी उम्मीदवारों ने अवमानना की शिकायत के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उनके मुताबिक चार माह पहले हाईकोर्ट ने नौकरी देने का आदेश दिया था लेकिन कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के बाद भी प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने अभी तक किसी को नियोजन नहीं दिया है। मंगलवार को जस्टिस विश्वजीत बोस की अदालत में जल्द सुनवाई की गुहार लगाई गई। याचिका स्वीकार कर ली गई है और मामले की सुनवाई इसी सप्ताह होने की संभावना है।
एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार स्नातक स्तर पर उपयुक्त अंक होने के बावजूद बोर्ड ने प्राइमरी की भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं दी। कुल 74 नौकरी चाहने वालों ने पहले इस शिकायत के साथ उच्च न्यायालय में मामला दायर किया था। इस मामले की सुनवाई में जस्टिस बोस ने 10 अप्रैल को इन्हें नौकरी देने का आदेश दिया थाष उनका आदेश था कि वादीगणों की सूचनाओं का सत्यापन कर उन्हें जून माह के अन्दर नौकरी दे दी जाये। वकील फिरदौस शमीम वादियों की ओर से अदालत में पेश हुए। अब वादी का दावा है कि जून और जुलाई खत्म होने के बाद भी बोर्ड ने उन्हें नौकरी नहीं दी। इसलिए मामला कोर्ट के संज्ञान में लाया गया है।