बंगाल विधानसभा के मानसून सत्र को सहमति नहीं दे रहे हैं राज्यपाल, संसदीय मंत्री को बुलाया

 

कोलकाता, 20 जुलाई । पश्चिम बंगाल सरकार राज्य विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत 24 जुलाई सोमवार से करना चाहती है। इसे लेकर अनुमोदन के लिए राज्यपाल के पास फाइल भेजी गई थी लेकिन गवर्नर ने इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। इसके बदले उन्होंने राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय को बुधवार को ही राज भवन में तलब किया था। गवर्नर ने पूछा है कि इतने कम समय में विधानसभा के मानसून सत्र शुरू करने का नोटिस राजभवन को क्यों दिया गया?
हालांकि चट्टोपाध्याय ने बताया कि वह शहर में नहीं हैं और अपनी जगह पर विधानसभा सचिवालय के किसी प्रतिनिधि को राजभवन भेज सकते हैं। इसके जवाब में राज्यपाल ने स्पष्ट कर दिया था कि कोई प्रतिनिधि नहीं। या तो मंत्री खुद आएं या राज्य के मुख्य सचिव को आना होगा। सूत्रों ने बताया है कि गुरुवार दोपहर तक मुख्य सचिव नहीं गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से मौखिक अनुमति का इंतजार हो रहा है।

अमूमन जब विधानसभा की कार्यवाही चलती है तो मंत्रिमंडल की बैठक भी विधानसभा भवन में ही होती है। इसे लेकर सचिवालय की ओर से एक विज्ञप्ति भी जारी की गई थी जिसमें बताया गया था कि आगामी सोमवार 24 जुलाई को विधानसभा में मंत्रिमंडल की बैठक होगी। लेकिन विधानसभा की कार्यवाही को लेकर राजभवन की ओर से अनुमति नहीं मिलने की वजह से सचिवालय की ओर से एक और अधिसूचना गुरुवार जारी की गई है। इसमें बताया गया है की विधानसभा के वजाय सचिवालय में ही मंत्रिमंडल की बैठक होगी। इससे स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत पर संशय के बादल छाए हुए हैं। संवैधानिक नियमों के मुताबिक राज्यपाल की आधिकारिक अनुमति के बगैर विधानसभा की कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती। ऐसे में राजभवन की शर्त मानते हुए संसदीय कार्य मंत्री अथवा राज्य के मुख्य सचिव राज भवन जाते हैं या नहीं, इस पर मानसून सत्र का भविष्य निर्भर कर रहा है। हालांकि इस संबंध में अभी तक किसी ने भी आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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