कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य सरकार के बीच टकराव में विश्वविद्यालयों के कुलपति पिस रहे हैं। दरअसल राज्यपाल होने के नाते जगदीप धनखड़ राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं। सभी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति उनकी सहमति से ही हो सकती है। लेकिन ममता बनर्जी की सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव का साइड इफेक्ट ऐसा है कि किसी भी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को राज्यपाल की सहमति तुरंत नहीं मिल रही। राज्य सरकार डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय की कुलपति सोमा बनर्जी को बनाना चाहती है लेकिन राज्यपाल ने प्रस्ताव को लिखित रूप में खारिज कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय की वर्तमान कुलपति अनुराधा मुखर्जी ने कहा कि मेरी जगह पर किसी और को राज्य सरकार ने कुलपति बनाया है, यह बात मुझे पता ही नहीं है।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार दोपहर एक नोट जारी किया। इसमें इस बात का जिक्र है, “राज्य चाहता है कि डब्ल्यूबीयूपीटीटीईपीए (पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ टीचर ट्रेनिंग, एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन) की कुलपति सोमा बंद्योपाध्याय को डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय चलाने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जाए। लेकिन वह संस्कृत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की प्रभारी भी हैं। ऐसी स्थिति में, मैं डायमंड हार्बर विश्वविद्यालय अधिनियम, 2012 की धारा 9(5) के तहत कुलाधिपति के रूप में, कला विभाग के डीन तपन मंडल को छह महीने की अवधि के लिए या उसके पहले अगर जब तक कुलपति की नियुक्ति ना हो जाए तब तक के लिए प्रभारी के रूप में सेवा के लिए अधिकृत करता हूं।
विश्वविद्यालय के कानून के अनुसार कोई भी कुलपति दो कार्यकाल से अधिक पद पर नहीं रह सकता है। आरोप है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा हाल में इस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किए गए डा तपन मंडल को हटाकर राज्य सरकार ने सोमा बंदोपाध्याय को कुलपति नियुक्त कर दिया है। इसके बाद टकराव बढ़ गया है और राज्य सरकार व राजभवन फिर आमने सामने आ गए हैं।
राज्य सरकार के इस कदम से भड़के राज्यपाल ने ममता सरकार पर संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। राज्यपाल ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि उनकी जानकारी के बिना राज्य सरकार द्वारा अवैध तरीके से विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति की जा रही है जो असंवैधानिक है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने गुरुवार को डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय की कुलपति के रूप में सोमा बंदोपाध्याय को छह महीने के लिए नियुक्त किया है। राज्य सरकार पर आरोप है कि उन्होंने इस नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल से कोई चर्चा नहीं की।
इस बारे में राज्यपाल ने जब राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री से जानना चाहा तो विभाग के सचिव मनीष जैन ने राज्यपाल को बताया कि मंत्री दूसरे कार्य में व्यस्त हैं, इसलिए इस बारे में वह अभी बात नहीं कर पाएंगे। इसके बाद राज्यपाल ने राज्य सरकार पर संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
इसी बीच अनुराधा मुखर्जी ने कहा, ”डायमंड हार्बर विमेंस यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद मार्च 2015 में मैंने जिम्मेदारी संभाली थी। सरकार ने 2021 में कार्यकाल पूरा होने के बाद एक बार फिर कार्यकाल बढ़ाया है। हालांकि राज्यपाल के नोट के बारे में मुझे कुछ नहीं पता। मैं कोई कमेंट नहीं करूंगी।’