शिक्षक ही नहीं डब्ल्यूबीसीएस पास करवाने का भी जाल फैलाया था तृणमूल विधायक तापस साहा ने

 

कोलकाता, 25 अप्रैल । पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में हाल ही में नदिया जिले के तृणमूल नेता तापस साहा के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है। अब केंद्रीय एजेंसी के एक सूत्र ने बताया है कि तापस ने नियुक्ति भ्रष्टाचार का ऐसा जाल बुन रखा था जिसमें ना केवल शिक्षक नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों को फंसाया जाता था बल्कि डब्ल्यूबीसीएस जैसे वरिष्ठ नौकरशाह पद पर भी परीक्षा पास करवाने की गारंटी दी जाती थी। सीबीआई के हाथ ऐसे सबूत लगे हैं जिसे न्यायालय में पेश करने की तैयारी हो रही है। पता चला है कि नदिया जिले के तेहट से विधायक तापस ने अपने पीए प्रवीर कयाल के साथ मिलकर इस तरह की साजिश रची थी जिसमें हर तरह की सरकारी नौकरी की परीक्षा देने वालों को फसाया जाता था। प्रवीर के घर से ऐसे दस्तावेज भी बरामद हो चुके हैं। इसकी प्रति कोर्ट में जमा दी जाएगी। हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद तापस के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है और पिछले हफ्ते ही उसके घर छापेमारी हुई थी। वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए थे। तापस के पीए प्रवीर का घर हावड़ा के श्यामपुर में है। वहां भी तलाशी अभियान के दौरान कृषि विभाग में नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा एक व्यक्ति ने सीबीआई के पास यह बयान दिया है कि 2021 से 2022 के बीच तापस ने उससे 25य4 लाख रुपये लिए। इसमें 14 लाख कैश और बाकी 10 लाख तीसरे शख्स के अकाउंट में जमा किया गया। एक और व्यक्ति ने ₹19 लाख रुपये देने का दावा किया है। इनमें से एक को डब्ल्यूबीसीएस की परीक्षा पास करवाने का आश्वासन दिया गया था तो दूसरे को कृषि विभाग में नौकरी का आश्वासन मिला था। सीबीआई इन सभी से पूछताछ कर इनका बयान रिकॉर्ड करने की तैयारी में है।
उल्लेखनीय है कि तापस के घर छापेमारी और तलाशी अभियान के बावजूद फिलहाल उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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