आनेवाले बीस- तीस वर्ष में भारत विश्वगुरु होगा : डॉ. मोहन भागवत

आनेवाले बीस- तीस वर्ष में भारत विश्वगुरू होगा :सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

कहा-भारत का बड़ा होना विश्व की आवश्यकता है

मुंबई, 10 अप्रैल । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि आगामी 20 से 30 वर्षों में भारत विश्वगुरु बनने जा रहा है और इसके लिए हमें आज से ही सक्रियता दिखाते हुए कार्य करना होगा।

मुंबई में प्रभादेवी में स्थित रवींद्र नाट्य मंदिर में रविवार देर शाम को प्रसिद्ध उद्योगपति और विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष अशोक चौगुले के अमृत महोत्सव का कार्यक्रम विवेक व्यासपीठ ने आयोजित किया था। इस अवसर पर अशोक राव का अभिष्टचिंतन करते हुए मोहन भागवत ने विहिप के उपाध्यक्ष अशोक चौगुले को समर्पित नेता बताया।

डॉ. भागवत ने कहा कि सत्य हमारे व्यवहार से झलकना चाहिए और अशोकराव जी ने अपने व्यवहार में सत्य को उतारा है। उन्होंने कहा कि भारत का बड़ा होना विश्व की आवश्यकता है और उसके लिए अशोकजी प्रेरणादायी जीवन का अनुकरण करना होगा।

अशोकराव चौगुले अमृत महोत्सव समिति के अध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरीजी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 40 वर्षों में हिंदुओं के पुनरुत्थान में अशोकजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और यह जो दिखाई दे रहा है वह हिमनग का छोटा सा शिखर है जब कि उनका खूब सारा कार्य शांतिपूर्ण तरीके से जारी है।

इस अवसर पर दो अंग्रेजी पुस्तकों का प्रकाशन किया गया। उनका संपादन करनेवाले अरविंद सिंह और इस कार्यक्रम के आर्ट डायरेक्टर गोपी कुकड़े का सरसंघचालक के हाथों सम्मान किया गया।

अशोकराव चौगुले ने अपने विचार व्यक्त करते हुए अपने द्वारा किए गए संघकार्य का स्मरण किया और संघ, विश्व हिंदू परिषद तथा राम जन्मभूमि आंदोलन के अनुभव साझा किया। पद्मश्री ब्रम्हेशानंद आचार्य स्वामी ने उन्हें हजारों का पालनकर्ता बताते हुए गोमंतक में उनके हिंदुत्व के लिए किए गए कार्यों की सराहना की।

कार्यक्रम के आरंभ में सरसंघचालक ने अशोकराव चौगुले और सुधा चौगुले को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रमोद पवार ने किया। इस अवसर पर मंगलप्रभात लोढ़ा, दिलीप करंबेळकर, मिलिंद परांडे, श्रीपाद नाईक उपस्थित थे।

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