कोलकाता, 7 अप्रैल । राजभवन की ओर से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर साप्ताहिक रिपोर्ट सीधे तौर पर भेजने संबंधी निर्देश पर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने एतराज जताया है। शुक्रवार को बसु ने कहा है कि राज्यपाल ने जो पत्र भेजा है उसकी वैधता है या नहीं यह देखना होगा। मैंने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को कानूनी सलाह लेने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि उम्मीद है राजभवन इस पत्र को वापस लेगा। शिक्षा मंत्री ने वर्तमान राज्यपाल डॉक्टर सी वी आनंद बोस की तुलना पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी और जगदीप धनखड़ से की। उन्होंने कहा कि पहले के राज्यपालों ने जिस तरह से संवैधानिक नियमों को ताक पर रखकर राज्य सरकारों के खिलाफ काम किया वैसे ही यह निर्देशिका है। उम्मीद है राजभवन इसे समझेगा और वापस लेगा। उन्होंने कहा, “हम लोगों ने गोपालकृष्ण गांधी और जगदीप धनखड़ को देखा है। अगर राज्यपाल को कुछ कहना है तो सीधे तौर पर सरकार को बताएं। इस तरह से निर्देशिका जारी करना बयान देने का कोई लाभ नहीं है।
उल्लेखनीय है कि हाल में पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाओं पर राजभवन ने राज्य सरकार के खिलाफ कड़ा बयान जारी किया है जिसके बाद से हल्का टकराव बढ़ा है।